
कोरबा। विधिक मापविज्ञान के नियंत्रक ने कोरबा की निरीक्षक नेहा साहू को सस्पेंड कर दिया है। आदेश के तहत उन्हें बिलासपुर कार्यालय संलग्र किया गया है। निरीक्षक पर लोकसेवा गारंटी की सेवा और कामकाज में उदासीनता बरतने का आरोप है।
नियंत्रक द्वारा जारी एक आदेश में कहा गया कि कोरबा निरीक्षक ने सत्यापन के लिए 82 आवेदन पत्रों के मामले में रूची नहीं ली। साढ़े तीन महीने बीतने पर भी यह काम लंबित रहा। सरकारी पोर्टल में 102 दिन का अंतराल पेंडेसी में नजर आ रहा है। जबकि लोकसेवा गारंटी अधिनियम के तहत 15 दिवस में इस काम को करना है। इस तरीके से निरीक्षक ने लोकसेवा गारंटी अधिनियम 2011 का उल्लंघन हुआ है। इसके साथ ही सिविल सेवा आचरण 1985 के नियम 3 की भी धज्जी उड़ाई गई है। नियंत्रक ने निरीक्षक की कार्यप्रणाली को अत्यंत आपत्तिजनक मानते हुए फौरी तौर पर निलंबित कर दिया। याद रहे विधिक मापविज्ञान के अंतर्गत व्यवसायियों के तराजू और तौल कांटों का सत्यापन करना होता है। इसके जरिये यह पड़ताल की जाती है कि सामानों की मापतौल के लिए संबंधित उपकरण के पैरामीटर सही है या नहीं। इसी के लिए स्थानीय लोगों ने यहां पर आवेदन दिए थे। इस कड़ी में सत्यापन करने के लिए निरीक्षक द्वारा उदासीनता दिखाई गई। हालिया कार्यवाही के बाद दूसरे निरीक्षक से इस काम को लिया जाएगा।


















