एसआईआर पर सुप्रीम कोर्ट का एक्शन शुरू! बीएलओ की मौत का भी याचिका में उठाया गया मुद्दा

लखनऊ, 09 दिसम्बर ।
एसआईआर के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई होगी। तमिलनाडु और बंगाल में एसआईआर विरोधी याचिकाएं लगाई गई। सुप्रीम कोर्ट ने चुनाव आयोग से इस पर जवाब-तलब किया है। आज अहम सुनवाई इस पर होनी है। तमिलनाडु बंगाल में याचिका दाखिल की गई है। बंगाल के भी कई नेताओं की तरफ से सुप्रीम कोर्ट में ये अर्जी दायर की गई है। भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने केरल, तमिलनाडु और पश्चिम बंगाल में मतदाता सूचियों के भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) द्वारा किए गए विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई पहले ही निर्धारित कर दी थी। केरल के मामलों की सुनवाई 2 दिसंबर को तमिलनाडु के मामलों की सुनवाई 4 दिसंबर को और पश्चिम बंगाल के मामलों की सुनवाई 9 दिसंबर को तय की गई। सुनवाई के दौरान, यह बताया गया कि एसआईआर प्रक्रिया के दौरान पश्चिम बंगाल में 23 बूथ लेवल ऑफिसर (बीएलओ) की मृत्यु हो गई है। सर्वोच्च न्यायालय ने पश्चिम बंगाल चुनाव कार्यालय से 1 दिसंबर तक विस्तृत जवाब मांगा था। राज्य चुनाव आयोगों और चुनाव आयोग दोनों से जवाब देने का आदेश दिया गया। मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) को लेकर चल रहे तनाव के बीच, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने चुनाव आयोग पर जानबूझकर देरी करके बंगाल के विकास को धीमा करने का आरोप लगाया और सभी जिलों के अधिकारियों से शांति और प्रगति दोनों को पटरी पर बनाए रखने का आग्रह किया।
बंगाल के सबसे संवेदनशील सीमावर्ती जिलों में से एक, कूचबिहार में एक जनसभा को संबोधित करते हुए, बनर्जी ने कहा कि पथश्री परियोजना, जिसका उद्देश्य लगभग 20,000 किलोमीटर सडक़ों का पुनर्निर्माण करना है, के तहत काम एसआईआर प्रक्रिया के कारण नहीं रुकना चाहिए। उन्होंने कहा, विकास एक सतत प्रक्रिया है।
कूचबिहार संवेदनशील है, शांति बनाए रखी जानी चाहिए। कोई शत्रुता या हिंसक हस्तक्षेप नहीं होना चाहिए। बनर्जी ने कहा कि बीएलओ और बीएलए पर अत्यधिक बोझ है, लेकिन एसआईआर प्रक्रिया इस तरह से डिज़ाइन की गई है कि प्रगति रुक जाती है।

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