
नई दिल्ली। राजधानी में प्रदूषण के गंभीर हालात को देखते हुए प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत ने सुनवाई के लिए हाइब्रिड-मोड पर जोर दिया है। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में सूचीबद्ध मामलों की सुनवाई के लिए वकीलों और खुद पेश होनेवाले पक्षकारों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये प्रस्तुत होने की सलाह दी है।
बता दें कि हाइब्रिड-मोड में अदालत में भौतिक पेशी के साथ-साथ वर्चुअल माध्यमों से भी हाजिर हुआ जा सकता है। रविवार को जारी सर्कुलर में सुप्रीम कोर्ट प्रशासन ने कहा कि मौजूदा मौसम स्थितियों को देखते हुए देश के प्रधान न्यायाधीश ने सलाह दी है कि सुविधा के आधार पर वकील और पक्षकार हाइब्रिड-मोड अपना सकते हैं।
दिल्ली में खतरनाक स्तर पर पहुंचा एक्यूआई
बता दें कि दिल्ली में रविवार को एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 461 दर्ज किया गया। इसे दिसंबर महीने का दूसरा सर्वाधिक प्रदूषित दिन माना जा रहा है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के मानकों के मुताबिक ये अति गंभीर श्रेणी का प्रदूषण है। 26 नवंबर को सीजेआई सूर्यकांत ने अदालती कार्यवाही को केवल वर्चुअल माध्यम से चलाने की संभावना पर विचार करते हुए कहा था कि प्रदूषण की वजह से सुबह की सैर के दौरान वह असहज महसूस करने लगे थे।


















