भरोसे और भय के बीच अब इंदिरा नगर से शिफ्ट हो रहा सामान

रेलवे ने 24 तक का दिया समय
कोरबा। वर्षों से इंदिरा नगर दुरपा रोड में रह रहे वे लोग है और भरोसे के बीच टिके हुए हैं लेकिन इसी के साथ कुछ मामलों में लोगों ने अपने घरों का सम्मान दूसरी जगह शिफ्ट करना भी शुरू कर दिया है। रेलवे ने 705/ 8 से 705/10 किलोमीटर के बारे में अपनी जमीन से अतिक्रमण हटाने के लिए लोगों को 24 दिसंबर तक का समय दिया है और इसके बाद में 30 दिसंबर से तोडफ़ोड़ की कार्रवाई शुरू करेगा।
अलग-अलग स्तर पर मामले को रुकवाने के लिए जी तोड़ कोशिश लोगों की ओर से की गई। रेलवे स्टेशन पर अधिकारियों से मिलने और मुख्य मार्ग रेलवे क्रॉसिंग के पास करने के बाद इन लोगों ने कैबिनेट मंत्री और मेयर से भी भेंट की। खबर है कि उनकी ओर से उचित आश्वासन तो प्राप्त हुआ है लेकिन लोग संशय में हैं। लोगों को लग रहा है कि अगर रेलवे की ओर से कार्रवाई हुई तो नुकसान होना बिल्कुल तय है। दूसरी स्थिति में अनुकूलता हो सकती है लेकिन यह भी एक भरम है। इसलिए दोराहे पर अटके कुछ लोगों ने अभी से अपने सामान को दूसरी जगह शिफ्ट करने पर ध्यान दिया है। इंदिरा नगर इलाके से कुछ लोगों को दूसरी जगह सामान ले जाते हुए आज देखा गया। खबर है कि लोगों की मजबूरी को देखते हुए किराए पर मकान उपलब्ध कराने वालों ने एकाएक दरों को बढ़ा दिया है।
यार्ड पर शुरू किया काम रेलवे ने
रेल पथ अभियंता कार्यालय कोरबा द्वारा 17 को रिमाइंडर स्टेटमेंट जारी करने के बाद वह अपनी अगली कार्रवाई को लेकर अडिग बना हुआ है। इंदिरा नगर में अपनी अर्जित जमीन के आसपास रेलवे की ओर से यार्ड बनाना शुरू किया गया है। मौके पर की जाने वाली कार्रवाई के लिए प्रयुक्त होने वाले सामान को यहां पर रखा जाना है। यह सब देखते हुए भी आसपास के क्षेत्र में दहशत बनी हुई है।
खाली जमीनों पर अतिक्रमण
सूत्रों ने बताया कि रेलवे के द्वारा इस इलाके में नोटिस देने और सुनिश्चित हो गया है कि रेलवे का एक्शन होना है। ऐसे में कुछ लोगों की लॉटरी लग गई है। चिन्हित क्षेत्र के आसपास खाली पड़ी सरकारी जमीन की हीराबंदी करना शुरू किया गया है। इसमें नगर निगम व राजस्व की जमीन शामिल बताई जा रही है। प्रशासन तक यह बात पहुंच गई है ताकि वह समय रहते अतिक्रमण को शून्य कर सके। जरूर इस बात की भी है कि इस क्षेत्र में नदी के किनारे होने वाले अतिक्रमण के मामले में सिंचाई विभाग ध्यान दें। बारिश के मौसम में दिक्कत यहां भी आती हैं।

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