
कोरबा। जिले में तेंदूपत्ता संग्रहण का काम युद्ध स्तर पर शुरू हो गया है और जंगल में हाथी लगातार विचरण कर रहे हैं जिससे ग्रामीणों को खतरा बना हुआ है। ऐसे में वन विभाग काफी सतर्कता बरत रहा है और हाथियों की मौजूदगी वाले जंगल में ग्रामीणों को तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए न जाने की अपील की जा रही है। कोरबा वनमंडल के कुदमुरा रेंज के गुरमा परिसर के जंगल के कक्ष क्रमांक 1104 में बीती रात बड़ी संख्या में हाथी पहुंचे गए। जिसकी जानकारी वन विभाग को लगने पर उसके अधिकारी व कर्मचारी आज तडक़े क्षेत्र में पहुंचे और मुनादी कराकर ग्रामीणों को जंगल जाने से रोका गया। ग्रामीणों से कहा गया कि क्षेत्र के जंगल में 39 हाथी पहुंचकर विचरण कर रहे हैं। अत: जंगल जाकर अपनी जान को जोखिम में न डालें। हाथियों के क्षेत्र में रहते तक दूरी बनाए रखें। हाथियों का यह दल लेमरू रेंज से पहुंचा है। इससे पहले हाथियों के लेमरू व कुदमुरा रेंज की सीमा पर होने की कल सूचना मिली थी। बताया जाता है कि हाथियों का दल कल दिन ढलने के बाद आगे बढ़ा और लेमरू रेंज की सीमा को पार कर कुदमुरा रेंज में प्रवेश करने के साथ सुबह होने से पहले गुरमा जंगल के कक्ष क्रमांक 1104 में पहुंचकर डेरा डाल दिया। हाथियों का लोकेशन तडक़े यहां के जंगल में होने का मिलते ही वन विभाग का अमला सक्रिय हुआ और गुरमा क्षेत्र पहुंचकर ग्रामीणों को सतर्क करने के अभियान में जुट गया। हाथियों ने तत्काल कोई बड़ा नुकसान नहीं पहुचंाया है लेकिन यहां आने से पहले रास्ते में दो ग्रामीणों के धान फसल को रौंदकर तहस-नहस कर दिया है। उधर कटघोरा वनमंडल के केंदई व पसान रेंज में हाथियों की मौजूदगी लगातार बनी हुई है। पसान रेंज के बीजाडांड व सेमरहा में दो लोनर हाथी घूम रहे हैं जिसमें एक खतरनाक लोनर भी है। इसे देखते हुए ग्रामीणों को तेंदूपत्ता संग्रहण के लिए क्षेत्र के जंगल में न जाने की अपील की जा रही है। जबकि केंदई रेंज के कोरबी व कापानवापारा सर्किल में हाथियों का दो दल विचरण कर रहा है।