
बठिंडा 5 अगस्त एजेंसी। पंजाब के कई गांवों में अपने ही गांवों में शादी कराने के बढ़ते प्रचलन के कारण पंचायतों ने सामूहिक बहिष्कार के प्रस्ताव पारित किए हैं। यह संवैधानिक रूप से वैध नहीं है क्योंकि पंचायतों के पास ऐसा कोई अधिकार नहीं है परंतु पंचायतें सामाजिक दृष्टि से ऐसे निर्णय को उचित मान रही हैं।पहले गांवों की बेटियों को सभी अपनी बेटियों की तरह मानते थे और गांव में शादी करने वाले लडक़े को पूरा गांव अपना दामाद मानता था लेकिन हाल के समय में युवा अपने ही गांवों में शादियां करने लगे हैं। सामाजिक दृष्टि से पंचायतों द्वारा पारित किए गए प्रस्ताव सही हैं, लेकिन कानूनी दृष्टिकोण से पंचायत किसी भी युवा को अपने ही गांव में शादी करने से रोक नहीं सकती। बठिंडा जिले के गांव कोटशमीर, फरीदकोट के गांव सिरसड़ी व अनोखपुरा तथा मानसा जिले के गांव सैदेवाला की पंचायतों ने बैठक कर यह प्रस्ताव पारित किया है कि कोई भी युवक अपने ही गांव में शादी नहीं कराएगा। जो ऐसा करेगा, उसका सामूहिक बहिष्कार किया जाएगा।