
बलरामपुर। जिला अस्पताल बलरामपुर में भर्ती मरीजों और प्रसूता महिलाओं के लिए भोजन आपूर्ति कार्य हेतु वर्ष 2025-26 की निविदा प्रक्रिया अब विवादों में घिर गई है। जिले की कई महिला स्वयं सहायता समूहों ने निविदा में अनियमितता, नियमों की अवहेलना और पक्षपात का आरोप लगाते हुए कलेक्टर बलरामपुर-रामानुजगंज को ज्ञापन सौंपा है। महिला समूहों ने आरोप लगाया है कि सिविल सर्जन कार्यालय द्वारा जारी निविदा क्रमांक 1100 दिनांक 04 सितंबर 2025 को नियमों को ताक पर रखकर कुछ विशेष महिला समूहों को लाभ पहुंचाने की नीयत से पूरी प्रक्रिया को अंधेरे में अंजाम दिया गया। शिकायतकर्ताओं का कहना है कि निविदा को नियत समय शाम 4 बजे खोलने की बजाय रात्रि 8 बजे से 11 बजे के बीच गुपचुप तरीके से खोला गया, जिससे केवल चहेते समूहों को ही शामिल किया जा सके। इतना ही नहीं, निविदा प्रक्रिया जिला अस्पताल की बजाय जिला पंचायत कार्यालय में की गई और बाकी समूहों को इसकी कोई जानकारी नहीं दी गई। नियमों के अनुसार खाद्य सुरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत जारी जीवित पंजीयन प्रमाण पत्र अनिवार्य था, लेकिन चयनित महिला समूह द्वारा यह दस्तावेज निविदा प्रकाशन के बाद बनवाया गया। बावजूद इसके उन्हें पात्र मानते हुए चयन कर लिया गया। दूसरी ओर, जिन समूहों ने वैध दस्तावेज लगाए थे, उन्हें तकनीकी खामियों का हवाला देकर बाहर कर दिया गया। महिला समूहों ने चयन समिति के सदस्य शशि गुप्ता (फार्मासिस्ट) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। शिकायत के अनुसार, निविदा जारी करने से पहले ही उन्होंने पूर्व नियोजित महिला समूह को दस्तावेज तैयार करने की मौखिक सूचना दे दी थी। यही नहीं, चयनित समूहों का संचालन एक ही व्यक्ति के द्वारा किया जा रहा है, जो कथित रूप से शशि गुप्ता का रिश्तेदार है। सभी 21 निविदाकारों में से 14 को मनमाने तरीके से किया गया अपात्र ज्ञापन में यह भी उल्लेख किया गया है कि कुल 21 निविदाकारों में से 14 को केवल श्वस्ढ्ढ प्रमाण पत्र की कमी का हवाला देकर अपात्र करार दिया गया, जबकि वे सभी वैध दस्तावेज प्रस्तुत कर चुके थे। महिला समूहों ने इसे पूर्व नियोजित मिलीभगत और नियमों की अवहेलना बताया है।