गौमाता चौराहा पर दिखाए गए तेवर
कोरबा। नियमों की बेकद्री करने से बाज नहीं आ रहे फ्लाई ऐश वाहनों के पहियों को आखिरकार ब्रेक लग ही गया। सीतामणी इमलीडुग्गू क्षेत्र के लोगों व भिलाईखुर्द के भूविस्थापितों ने इस मामले में आगे बढक़र एक्शन लिया। जन स्वास्थ्य और हादसों के खतरे का तर्क देते हुए लोगों ने प्रदर्शन किया। उन्होंने गौमाता चौराहा पर ऐसी गाडिय़ों को आगे नहीं बढऩे दिया।
मानिकपुर परियोजना के विस्तारित क्षेत्र में बिजली घरों की फ्लाई ऐश डंपिंग किए जाने और इससे जन स्वास्थ्य का खतरा बढऩे से लोग नाराज हैं। लोगों का ऐतराज इस बात को लेकर रहा कि खुले तरीके से फ्लाई ऐश का परिवहन सीतामणी इमलीडुग्गू मार्ग से किया जा रहा है जबकि यह क्षेत्र घनी आबादी का है। सडक़ के दोनों तरफ बस्ती है और हजारों की संख्या में लोग यहां निवासरत हैं। कई सार्वजनिक केंद्र भी यहां चल रहे हैं। ऐसे में भीड़भाड़ की स्थिति बनी रहती है। लोगों का कहना है कि इस रास्ते से होकर फ्लाई ऐश और कोयला सहित अन्य वाहनों का आवागमन हो रहा है। लोगों ने कहा कि डंपिंग इलाके में जिस तरह से फ्लाई ऐश डाली जा रही है उससे बहुत ज्यादा झंझट है। राख के कारण घरों का सामान और कपड़े बर्बाद हो रहे हैं। नियमों के अंतर्गत फ्लाई ऐश का परिवहन करने के लिए वाहनों को चारों तरफ से कव्हर्ड करना है ताकि हवा के संपर्क में आने से फ्लाई ऐश उड़े न और आसपास के क्षेत्र को प्रदूषित न करे। इसके बावजूद इस नियम की उपेक्षा की जा रही है और वाहनों को खुलेआम चलाया जा रहा है। खबर मिलने पर मानिकपुर और कोतवाली पुलिस पहुंची।
प्रदूषण से भारी मुसीबत
प्रदर्शन में शामिल एक नागरिक ने बताया कि फ्लाई ऐश के साथ उपरी हिस्से में मिट्टी डालना है लेकिन ऐसा नहीं किया जा रहा है। राखड़ उडऩे से कई प्रकार की मुसीबत हो रही है। आसपास के किसानों को खेती-बाड़ी बंद करने का विचार करना पड़ा है क्योंकि राख के संपर्क में आने पर उर्वरा क्षमता बाधित हुई है और पौधों ने फल देना बंद कर दिया है।