नईदिल्ली, ११ अक्टूबर ।
प्रवर्तन निदेशालय ने कल रात अनिल अंबानी के सहयोगी रिलायंस पावर के सीएफओ अशोक कुमार पाल को कथित 17,000 करोड़ रुपये के एडीए समूह लोन धोखाधड़ी से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के सिलसिले में गिरफ्तार किया। रिलायंस पावर लिमिटेड के कार्यकारी निदेशक और मुख्य वित्तीय अधिकारी, पाल को धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत ईडी के दिल्ली कार्यालय से हिरासत में लिया गया। उन्हें सुबह दिल्ली की एक अदालत में पेश किए जाने की उम्मीद है। ईडी के अनुसार, पाल ने भारतीय सौर ऊर्जा निगम (एसईसीआई) को सौंपी गई 68 करोड़ से ज्यादा की एक फर्जी बैंक गारंटी को अंजाम देने में मुख्य भूमिका निभाई थी। यह गारंटी फर्जी बिलिंग, फर्जी कंपनियों और नकली ईमेल डोमेन से जुड़े एक व्यापक रैकेट का हिस्सा थी, जिसका मकसद जाली वित्तीय साधनों को वैध बताकर पेश करना था। जांचकर्ताओं का आरोप है कि पाल ने फर्जी गारंटी जारी करने के लिए बिस्वाल ट्रेडलिंक प्राइवेट लिमिटेड एक ऐसी फर्म जिसकी कोई विश्वसनीय पृष्ठभूमि नहीं है की नियुक्ति में मदद की। ईडी का दावा है कि यह एक सूचीबद्ध कंपनी, जिसके 75 प्रतिशत से ज़्यादा शेयर जनता के पास हैं, से सार्वजनिक धन को दूसरी जगह भेजने की योजना का हिस्सा था। पाल की गिरफ्तारी अनिल धीरूभाई अंबानी (एडीए) समूह की व्यापक जांच में एक महत्वपूर्ण घटनाक्रम है, जिसकी व्यापक वित्तीय अनियमितताओं के लिए जांच की जा रही है। अगस्त में, ईडी ने मुंबई में 35 ठिकानों पर छापेमारी की, जिसमें एडीए समूह से जुड़ी 50 कंपनियाँ और 25 व्यक्ति शामिल थे।उसी महीने, अनिल अंबानी को ईडी ने इस मामले में पूछताछ के लिए तलब किया था।