मरीज के पैर का किया सफल बोर्न ट्रांसपोर्ट
कोरबा । कोरबा जिले के कटघोरा तहसील अंतर्गत कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु खुटिया ने और बड़ी शल्य चिकित्सा कर स्वास्थ्य केंद्र का नाम गौरवांवित किया है। ऐसी बड़ी शल्य चिकित्सा कुछ बड़े मल्टीस्पेशलिटी अस्पतालों में ही संभव हो पाती है, लेकिन डॉ. खुटिया ने कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में ही कई बड़ी-बड़ी शल्य चिकित्सा कर मरीजो को लाभ दिलाया हैं। इस उपलब्धि में पीछे चिकित्सालय प्रबंधन व कर्मचारियो का भी बड़ा सहयोग मिलता रहा है। इसी कड़ी में अभी हाल ही में डॉ. हिमांशु खुटिया ने एक मरीज के पैर की बड़ी शल्य चिकित्सा बोर्न ट्रांसपोर्ट की है, जो सफल रही है। कटघोरा चिकित्सालय में हड्डी रोग विशेषज्ञ डॉ. हिमांशु खुटिया की पदस्थापना के बाद से यहाँ पहुचने वाले मरीजो को बेहतर इलाज मिलने लगा है। इतना ही नहीं दूर-दूर से निराश मरीज ईलाज करवाने उनके पास पहुच रहे हैं। डॉ. खुटिया बड़ी-बड़ी सफल शल्य चिकित्सा कर रहे है। बताया जा रहा हैं की एक हादसे में मरीज का एक पैर बुरी तरह से क्षतिग्रस्त हो गया था, इस दौरान मरीज ने अपना ईलाज बिलासपुर के एक निजी अस्पताल में कराया था, जहां शल्य चिकित्सा तो हुई लेकिन मरीज को कोई खास राहत नही मिली और मरीज का पैर भी छोटा हो गया था। उसे चलने में भारी दिक्कतें हो रही थी। जिस कारण मरीज काफी परेशान था। इलाज के लिए इनके परिजनो ने कई बड़े चिकित्सालयो के चक्कर काटे, लेकिन इन्हें कोई खास राहत नही मिली और वे निराश हो चुके थे। किसी सज्जन ने मरीज के परिजनों को बताया कि वे कटघोरा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पदस्थ डॉ. हिमांशु खुटिया से संपर्क कर उनका परामर्श ले, जरूर उनकी समस्या दूर हो सकती है। बिना देर किए मरीज के परिजनों ने डॉ. खुटिया से संपर्क कर परामर्श लिया और मरीज का ईलाज प्रारंभ हुआ। जानकारी के अनुसार मरीज ग्राम पाली का रहने वाला है और एक हादसे में मरीज का एक पैर गंभीर रूप से घायल हो गया था, हादसे में मरीज के जांघ की हड्डी टूट गई थी तथा घुटने के नीचे की हड्डी चकनाचूर हो गई थी, जो डॉक्टरों के लिए एक बड़ी चुनौती थी, डॉ. हिमांशु खुटिया ने मरीज को निराश न कर उसका ईलाज शुरू किया। डॉ. हिमांशु खुटिया ने बताया कि मरीज के पैर का लेंथ 4 सेंटीमीटर छोटा हो गया था, जिसका बोर्न ट्रांसपोर्ट ट्रीटमैंट की आवश्यकता थी, मरीज के पैर का बोर्न ट्रांसपोर्ट के जरिये 7 सेंटीमीटर हड्डी जोड़ कर बड़ा किया गया, मरीज के पैरों में नसों की कोई समस्या नही था, अब मरीज का पैर यथावत स्थिति में है और मरीज वाकर के सहारे खड़ा हो पा रहा है। उम्मीद हैं की एक सप्ताह बाद मरीज अपने पैरों पर चल पाएगा।मरीज की हालत जिस अवस्था में थी वह चिकित्सको के लिए एक बड़ी चुनोती थी, खासकर कटघोरा जैसे छोटी जगह में ऐसे गंभीर मरीज का ईलाज संभव हो जाना किसी चमत्कार से कम नही है। ये तो डॉ. हिमांशु खुटिया का कमाल है, जो इन्होंने बड़ी-बड़ी कई शल्य चिकित्सा कर मरीजो को नया जीवन प्रदान किया हैं। कटघोरा में इनकी पदस्थापना बाद से किसी भी मरीज को निराश व रिफर का सामना नही पड़ा है, बल्कि उनका सफल इलाज हुआ है।कुछ क्रिटिकल मामलों की बात करे तो स्वास्थ्य केंद्र में सुविधाओं की कमी के कारण कई दफा मरीजो को रिफर का सामना करना पड़ता है। डॉक्टर हिमांशु खुटिया ने बताया कि क्षेत्र में अकसर सडक़ हादसों में गंभीर रूप से घायल मरीज अस्पताल पहुचते है, जहाँ जख्मी मरीजो के हड्डी से संबंधित मामलों में इलाज तो काफी हद तक संभव हो जाता है, लेकिन सिर की चोट के मामलों में सिटी स्कैन जैसी सुविधा नहीं होने के कारण मरीजो को रिफर करने की आवश्यकता महसूस होती है। हालांकि डॉ. हिमांशु की मेहनत व बीएमओ की पहल से स्वास्थ्य केंद्र में मरीजो को ओटी जैसी सुविधा मिल रही है और मरीजो का सफल इलाज हो रहा है। नगरवासियो द्वारा कहा जा रहा हैं की प्रशासन को आवश्यकता है कि कटघोरा के स्वास्थ्य केंद्र में क्रिटिकल केयर व सीटी स्कैन जैसी सुविधाओ को उपलब्ध कराकर कमी को दूर करे, ताकि मरीजों को समय पर बेहतर ईलाज मिल सके।