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रायपुर। छत्तीसगढ़ में पूर्ववर्ती कांग्रेस की सरकार के कार्यकाल में अंजाम दिए गए घोटालों की परतें खोलने वाले ननकीराम कंवर ने एक और सनसनीखेज खुलासा करते हुए जांच कराने हेतु पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम पत्र प्रेषित किया है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री, भाजपा के वरिष्ठ आदिवासी नेता ननकी राम कंवर ने अपने पत्र में उल्लेख किया है कि – वर्ष 2021 एवं 2022 में वाणिज्यिक कर (GST) विभाग छत्तीसगढ़ रायपुर द्वारा विभागीय वाणिज्यिक कर निरीक्षक (राज्य कर निरीक्षक) पद में पदोन्नति हेतु विभागीय तृतीय वर्ग के कर्मचारियों की परीक्षा आयोजित की गई थी। जिसमें विभाग वर्ष 2021 एवं वर्ष 2022 में क्रमशः 21-21 कुल 42 पदों के लिए दोनों बार लगभग 350 कर्मचारी सम्मिलित हुए, किन्तु उक्त परीक्षा में भारी भ्रष्टाचार कर गलत तरीके से भर्ती कराया गया है।

0 व्यापम से नहीं कराई परीक्षा
उक्त परीक्षा का आयोजन छत्तीसगढ़ व्यापमं के द्वारा किये जाने प्रस्तावित था। कर्मचारियों का भी निवेदन था कि यह परीक्षा छत्तीसगढ़ व्यापमं द्वारा लिया जावें। किन्तु भ्रष्टाचार करने के नियत से विभागीय अधिकारियों द्वारा विभाग से परीक्षा लेने के लिए व्यापमं से परीक्षा न लेकर स्वयं विभाग द्वारा परीक्षा का आयोजन किया गया। व्यापमं से परीक्षा न कराना ही भ्रष्टाचार को जन्म देता है।

0 उच्च और समान अंक पर संदेह
उक्त परीक्षा के लिए लगभग 1 माह का समय दिया गया था, जिसमें निर्धारित न्यूनतम 50 प्रतिशत अंक प्राप्त करना था। किन्तु इस परीक्षा में जो कर्मचारी उत्तीर्ण / चयनित हुये हैं उनके 80-100 प्रतिशत अंक के आस-पास हैं, जिससे यह सुनिश्चित होता है कि उन्हे प्रश्न पत्र 1 से 2 दिन पहले ही प्राप्त हो गये थे या पहले से ही जिसका चयन करना था वह निश्चित हो गया था। इस परीक्षा में विभाग के तत्कालीन आयुक्त श्री समीर बिश्नोई (आई.ए.एस.) के पी.ए. तथा विभाग के अन्य उच्च अधिकारियों से संबंधित कर्मचारियों का भी का चयन हुआ है, इस संबंध में जो परीक्षार्थी उत्तीर्ण / चयनित हुवे है उनकी उत्तर पुस्तिका की जांच केन्द्रीय जांच एजेंसी से कराने पर स्पष्ट किया जा सकता है कि उनके उत्तर एक जैसे हैं।

0 केंद्रीय जांच एजेंसी करे पूछताछ
श्री कंवर ने कहा है कि परीक्षा निम्न स्तर के रहे हैं, उत्तर पुस्तिका को बहुत ही आसानी से बदला जा सकता है, परीक्षा के पूर्व विभाग के द्वारा न ही अनुकमांक, मुहर या सत्यापित करने हेतु किसी अधिकारी के हस्ताक्षर भी उत्तर पुस्तिका में नहीं करवाया गया। पूर्व से ही कर्मचारियों को अभाष हो गया था कि परीक्षा लेने वाले अधिकारी ने भ्रष्टाचार में लिप्त होकर परीक्षा आयोजित किया है। परीक्षा उपरांत जिनका अधिक नम्बर प्राप्त हुआ है. उन्हें किसी तरह प्रश्नों के संबंध में जानकारी पहले से ही था। उपरोक्त तथ्यों के आधार पर परीक्षक द्वारा चयनित किये गये परीक्षार्थीयों से सुनियोजित तरीके से संबंध बनाकर उत्तीर्ण लोगों को पूर्व से ही चयनित किया गया। परीक्षार्थी व परीक्षक के बीच पहले से संबंध बन चुके थे। उक्त संबंध में परीक्षक एवं चयनित परीक्षार्थी का केन्द्रीय जांच एजेंसी से पूछताछ / जांच कराने से स्पष्ट किया जा सकता है।

0 कांग्रेस शासन में हुआ यह सब
श्री कंवर ने बताया कि परीक्षा वर्ष 2021 एवं 2022 में आयोजित की गई थी, जिस दौरान छत्तीसगढ़ में कांग्रेस पार्टी का शासनकाल था। उक्त अवधि में विभाग के तत्कालीन आयुक्त समीर बिश्नोई (आई.ए.एस.) पदस्थ थे, जो कोयला कारोबारियों से मनी लॉन्ड्रिंग व आय से अधिक सम्पत्ति रखने के आरोप में जेल में हैं। इससे यह सुनिश्चित होता है कि उक्त परीक्षा में भी भ्रष्टाचार कर गलत तरीके से भर्ती की गई है।

0 शिकायतों को दबाया गया
उक्त प्रतियोगी परीक्षा वर्ष 2021 एवं 2022 में अभी तक कई शिकायत लिखित एवं मौखिक तौर पर की जा चुकी है, जिसकी प्रति संलग्न है। किन्तु शिकायतें धीरे-धीरे नस्तीबद्ध किये जा रहे हैं तो कुछ शिकायतें फाईलों में दबे पड़े हैं। इस मामले में विभाग भी सुस्त दिखाई पड़ रहे हैं।
प्रधानमंत्री श्री मोदी से निवेदन किया गया है कि सभी कर्मचारियों के हितों को ध्यान में रखते हुए उक्त परीक्षा में भारी भ्रष्टाचार कर गलत तरीके से की गई भर्ती की उच्च स्तरीय जांच (केन्द्रीय जांच एजेंसी प्रवर्तन निदेशालय ई.डी. के माध्यम से) किया जावे। गड़बड़ी होने पर परीक्षा को अमान्य करते हुए भर्ती रद्द कर पुनः परीक्षा आयोजित करने कार्रवाई की जाय।