
नई दिल्ली। भाजपा नेता अपराजिता सारंगी को बुधवार को संसद की संयुक्त समिति की अध्यक्षता के लिए नियुक्त किया गया, जो उन बिलों की जांच करेगी जिनके तहत प्रधानमंत्री, मुख्यमंत्री और केंद्रीय/राज्य मंत्रियों को गंभीर आरोपों में 30 दिनों तक गिरफ्तार या हिरासत में रहने पर हटाया जा सकेगा।
बिल की संयुक्त समिति में 15 भाजपा व 11 राजग के घटक दलों से
मुख्य विपक्षी दलों द्वारा समिति का बहिष्कार किए जाने की घोषणा के साथ 31 सदस्यीय इस पैनल में चार सदस्य विपक्ष से हैं, 15 भाजपा से, 11 राजग के घटक दलों से और एक नामित सदस्य है।
विपक्षी दलों से राकांपा (एसपी) की नेता सुप्रिया सुले, अकाली दल की हरसिमरत कौर बादल, एआइएमआइएम के प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी और वाईएसआरसीपी के सदस्य निरंजन रेड्डी को संयुक्त समिति का सदस्य नामित किया गया है। यह जानकारी लोकसभा सचिवालय के एक बयान में दी गई है।
बीजद और बीआरएस ने भी इस पैनल से दूरी बनाई
कांग्रेस व तृणमूल कांग्रेस जैसे कई विपक्षी दलों ने समिति का हिस्सा नहीं बनने का निर्णय लिया है। जबकि विपक्षी गठबंधन आइएनडीआइए का हिस्सा नहीं होने के बावजूद बीजद और बीआरएस ने भी इस पैनल से दूरी बनाई है।


































