अमृतसर। राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा अभ्यास के तहत, अमृतसर जिला प्रशासन ने सार्वजनिक सुरक्षा और तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए ब्लैकआउट उपायों को फिर से शुरू कर दिया है। इसकी जानकारी जिला जनसंपर्क अधिकारी (डीपीआरओ) ने बुधवार को दी। वहीं, अमृतसर के अटारी व अजनाला सेक्टर में और गुरदासपुर के डेरा बाबा नानक क्षेत्र में आधी रात के बाद धमाकों की आवाज सुनाई दीं।

प्रशासन ने फिर से ब्लैकआउट प्रक्रिया शुरू की गई थी

अमृतसर डीपीआरओ ने एक बयान में कहा कि अत्यंत सावधानी बरतते हुए, अमृतसर जिला प्रशासन ने फिर से ब्लैकआउट प्रक्रिया शुरू कर दी है।

भविष्य के खतरों को देखते हुए लिया ता फैसला

अमृतसर में ब्लैकआउट गृह मंत्रालय (एमएचए) द्वारा भविष्य के खतरों के मामले में आपातकालीन तैयारियों की जांच करने के लिए आदेशित राष्ट्रव्यापी नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल का हिस्सा था। इस अभ्यास में देश भर के प्रमुख स्थानों पर अनुसूचित ब्लैकआउट शामिल थे।

अमृतसर में पहले हुए ब्लैकआउट के बारे में बात करते हुए एएसआई जगतार सिंह ने एएनआई को बताया कि ब्लैकआउट रात 10.30 बजे से 11 बजे के बीच, आधे घंटे तक था। निर्देश थे कि कोई भी लाइट नहीं जलनी चाहिए ताकि दुश्मन को पता न चले कि यहां कोई शहर है।

कुछ लोग ब्लैकआउट का पालन कर रहे हैं, और कुछ नहीं

उन्होंने कहा कि देश के हित के लिए रिहर्सल की जा रही है… कुछ लोग ब्लैकआउट का पालन कर रहे हैं, और कुछ नहीं… सायरन चालू हुआ और फिर दो मिनट के भीतर पूरा ब्लैकआउट हो गया। राजस्थान, मध्य प्रदेश, गुजरात, हिमाचल प्रदेश और बिहार समेत कई राज्यों में भी इसी तरह की ब्लैकआउट देखी गई। बाड़मेर, ग्वालियर, सूरत, शिमला और पटना जैसे शहरों ने प्रमुख इमारतों और सार्वजनिक स्थानों पर लाइटें बंद करके भाग लिया। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में राष्ट्रपति भवन और विजय चौक भी ड्रिल के लिए अंधेरे में रहे। पटना में राजभवन ने भी इसमें भाग लिया।

नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित की

इससे पहले दिन में दिल्ली, मुंबई, पुणे, बेंगलुरु, ग्वालियर और जयपुर जैसे प्रमुख शहरों में नागरिक सुरक्षा मॉक ड्रिल आयोजित की गई। इन अभ्यासों का उद्देश्य यह आकलन करना था कि स्थानीय अधिकारी और नागरिक आपात स्थितियों पर कैसे प्रतिक्रिया देते हैं।

ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के बाद राष्ट्रव्यापी तैयारी अभ्यास हो रहे

बुधवार को भारतीय सशस्त्र बलों द्वारा ऑपरेशन सिंदूर शुरू करने के बाद राष्ट्रव्यापी तैयारी अभ्यास हुआ। यह 22 अप्रैल को जम्मू और कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के जवाब में पाकिस्तान और पाकिस्तान के कब्जे वाले जम्मू और कश्मीर (पीओजेके) में आतंकवादी ढांचे पर जवाबी हमला था, जिसमें एक नेपाली नागरिक सहित 26 नागरिक मारे गए थे।