
कोरबा। औद्योगिक नगर कोरबा सहित उपनगरीय क्षेत्रों में सूर्य उपासना का महत्वपूर्ण छठ आज सुबह उदित होते भुवन भास्कर को अघ्र्य देने के साथ पूर्ण हो गया। घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के साथ आम लोग भी उमड़े। यहां पर सभी लोगों के साथ प्रदेश और देश के समग्र कल्याण की कामना की गई।
लघु भारत कहे जाने वाले कोरबा में देश के अधिकांश प्रांतों के लोगों का बसेरा है। अलग-अलग तीज-त्योहार पर मिलीजुली संस्कृति यहां नजर आती है जो विविधता में एकता का दर्शन कराती है। छठ पूजा पर्व पर भी कुछ ऐसी ही तस्वीर यहां दिखाई दी। कोरबा नगर, उपनगरीय क्षेत्र सहित अन्य हिस्से में हसदेव, अहिरन, लीलागर नदी के अलावा नालों से लेकर तालाबों के घाट पर छठ पूजा मनाने के लिए पूर्वांचल के साथ-साथ दूसरे क्षेत्र के श्रद्धालुओं ने अपने सरोकार दिखाए। चार दिवसीय पर्व के तीसरे दिन अस्त होते और चतुर्थ दिवस उदित होते सूर्य को अघ्र्य दिया गया। मौसम की अनुकूलता के साथ घाटों पर अपेक्षा से कहीं ज्यादा भीड़ का सैलाब उमड़ा। आतिशबाजी, बैंड बाजे के साथ श्रद्धालु घाटों तक पहुंचे। घाटों पर बनाई गई बेदियों में उन्होंने पूजा अर्चना की। जनधारा में उपस्थिति सुनिश्चित कर पूर्व से शुभ संकेत देते हुए सूर्य की लालिमा को देख उन्होंने अघ्र्य दिया। इस दौरान छठ गीतों की स्वर लहरियां वातावरण को नया रूप देती रही। महिलाओं के समूह ने भी इनमें अपना सुर मिलाया। छठ की पूर्णता पर व्रतियों और उनके परिजनों ने पर्व पर पहुंचे लोगों को प्रसाद का वितरण किया। यहां पर संपूर्ण प्राणीमात्र के लिए आरोग्य, यश, दीर्घ जीवन और उन्नति के लिए ईश्वर से प्रार्थना की।

























