जगदलपुर। आदिवासी बहुल बस्तर में भ्रष्टाचार पर रोक लगाने के तमाम प्रयासों के बावजूद रिश्वतखोरी के मामले थम नहीं रहे हैं। ताजा मामला दरभा तहसील का है, जहां प्राकृतिक आपदा सहायता राशि दिलाने के नाम पर एक सरकारी कर्मचारी को रिश्वत लेते एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) की टीम ने रंगेहाथ पकड़ा है। आरोपी सहायक ग्रेड-3 कर्मचारी हेम कुमार पानीग्राही को 25 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए गिरफ्तार किया गया। जानकारी के मुताबिक, दरभा क्षेत्र के सामनाथ बघेल की पत्नी की मौत सर्पदंश से हो गई थी। शासन की योजना के तहत मृतक महिला के परिवार को चार लाख रुपये की आर्थिक सहायता स्वीकृत की गई थी।
लेकिन सहायता राशि दिलाने के नाम पर तहसील कार्यालय में पदस्थ सहायक ग्रेड-3 हेम कुमार पानीग्राही ने परिवार से 50 हजार रुपये की रिश्वत की मांग की थी। आर्थिक रूप से कमजोर परिवार इस मांग से परेशान था, जिसके बाद उसने एसीबी कार्यालय में शिकायत दर्ज कराई। शिकायत के बाद एसीबी ने टीम गठित कर आरोपी कर्मचारी को रंगेहाथ पकड़ने के लिए जाल बिछाया। गुरुवार को जब पीड़ित ग्रामीण साहनु बघेल ने आरोपी को 25 हजार रुपये की पहली किस्त दी, उसी दौरान एसीबी की टीम ने मौके पर दबिश दी और आरोपी को रिश्वत की रकम के साथ गिरफ्तार कर लिया।
एसीबी अधिकारी रमेश मरकाम ने बताया कि आरोपी को रंगेहाथ पकड़ने के बाद उसके खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है। आरोपी को शुक्रवार को विशेष न्यायालय, जगदलपुर में पेश किया जाएगा। स्थानीय लोगों का कहना है कि दरभा तहसील और आसपास के इलाकों में लंबे समय से इस तरह की शिकायतें मिल रही थीं। सहायता राशि, जाति प्रमाण पत्र, भू-अधिकार पट्टा और अन्य सरकारी योजनाओं से जुड़ी फाइलों में कर्मचारियों द्वारा रिश्वत मांगे जाने की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। बस्तर के सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इस कार्रवाई का स्वागत करते हुए कहा कि एसीबी को ऐसे मामलों में लगातार निगरानी रखनी चाहिए ताकि गरीब और आदिवासी परिवारों को उनके हक की सरकारी सहायता बिना भ्रष्टाचार के मिल सके।

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