वाशिंगटन, 0३ जुलाई ।
अमेरिका में एक बार फिर हिंदू मंदिर को निशाना बनाया गया है। इस बार यूटा राज्य के स्पेनिश फोर्क में स्थित विश्व प्रसिद्ध इस्कॉन श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर पर हमला हुआ है। अज्ञात अपराधियों ने रात के समय मंदिर परिसर पर 20 से 30 राउंड फायरिंग की, जिससे मंदिर को भारी नुकसान पहुंचा। यह मंदिर अपने वार्षिक होली महोत्सव के लिए दुनियाभर में जाना जाता है। हमले के समय मंदिर में भक्त और मेहमान मौजूद थे। इस हमले में मंदिर की इमारत और आसपास की संपत्ति को काफी नुकसान हुआ है, जिसमें खासतौर पर हाथ से नक्काशी किए गए मेहराब भी शामिल हैं। इस घटना से हजारों डॉलर की क्षति हुई है।सैन फ्रांसिस्को स्थित भारत के महावाणिज्य दूतावास ने इस हमले की कड़ी निंदा की है। दूतावास ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ङ्ग पर कहा, हम यूटा के स्पेनिश फोर्क में इस्कॉन श्री श्री राधा कृष्ण मंदिर में हुई गोलीबारी की घटना की कड़ी निंदा करते हैं। हम सभी भक्तों और समुदाय के साथ खड़े हैं और स्थानीय प्रशासन से हमलावरों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की मांग करते हैं। मंदिर अधिकारियों ने बताया कि इससे पहले 9 मार्च 2025 को कैलिफोर्निया के चिनो हिल्स स्थित क्च्रक्कस् स्वामीनारायण मंदिर में भी इसी तरह की घटना हुई थी। इस घटना के कुछ ही दिन बाद लॉस एंजिल्स में तथाकथित ‘खालिस्तानी जनमत संग्रह’ आयोजित किया गया था। कोएलिशन ऑफ हिंदूज़ ऑफ नॉर्थ अमेरिका ने भी इस घटना को बढ़ती हिंदू विरोधी घटनाओं से जोड़ा और इसे ‘खालिस्तान जनमत संग्रह’ से पहले की साजिश बताया। ष्टश॥हृ्र ने लिखा, एक और हिंदू मंदिर में तोडफ़ोड़ हुई है — इस बार प्रतिष्ठित क्च्रक्कस् चिनो हिल्स मंदिर में। यह कोई संयोग नहीं लगता कि यह हमला खालिस्तान जनमत संग्रह के आस-पास हुआ है। उन्होंने 2022 से अब तक हुई मंदिरों पर अन्य हमलों की भी सूची दी और मामले की व्यापक जांच की मांग की। पिछले साल 25 सितंबर 2024 को सैक्रामेंटो, कैलिफोर्निया में स्थित क्च्रक्कस् श्री स्वामीनारायण मंदिर को भी निशाना बनाया गया था। इससे पहले न्यूयॉर्क में भी इसी संस्था के मंदिर पर हमला हुआ था।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप का दावा, हमास से 60 दिन के सीजफायर पर इजरायल सहमत
ह्यूस्टन, 03 जुलाई । अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने हमास से 60 दिन के संघर्ष विराम प्रस्ताव को स्वीकार करने की अपील की है। ट्रंप ने बताया है कि इस प्रस्ताव की जरूरी शर्तों पर इजरायल ने सहमति जता दी है। ट्रंप ने ‘ट्रुथ’ सोशल पर लिखा, मुझे उम्मीद है कि मिडिल ईस्ट की भलाई के लिए हमास इस समझौते पर हस्ताक्षर करेगा। मौजूदा स्थिति से हालत सिर्फ बदतर ही होंगे।ट्रंप ने लिखा, इजरायल ने 60 दिन के सीजफायर को अंतिम रूप देने के लिए जरूरी शर्तों पर सहमति जताई है। इस दौरान हम युद्ध को समाप्त करने के लिए सभी पक्षों के साथ मिलकर काम करेंगे। उन्होंने कहा, मेरे प्रतिनिधियों ने आज गाजा पर इजरायल के साथ लंबी बैठक की। इसके साथ ही ट्रंप ने बताया कि कतर और मिस्र अंतिम प्रस्ताव पेश करेंगे। ‘सीएनएन’ की एक रिपोर्ट के अनुसार, नए प्रस्ताव में हमास की कुछ चिंताओं को दूर करने की कोशिश की गई है। सीजफायर के दौरान फिलिस्तीनी कैदियों के बदले इजरायली बंधकों को रिहा किया जाएगा। एजेंसी के अनुसार पिछले सप्ताह ट्रंप ने उम्मीद जताई थी कि अगले एक सप्ताह में गाजा में सीजफायर हो सकता है, लेकिन उस समय उन्होंने और अधिक जानकारी नहीं दी थी। इससे पहले मंगलवार को ट्रंप ने कहा था कि वह ईरान और गाजा के मुद्दे पर अगले सोमवार को ‘व्हाइट हाउस’ में इजरायली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से मुलाकात करेंगे। डोनाल्ड ट्रंप ने जनवरी 2025 में अपने दूसरे कार्यकाल के लिए शपथ ली थी। इसके बाद से यह नेतन्याहू का तीसरा ‘व्हाइट हाउस’ दौरा होगा। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरोलिन लेविट ने सोमवार को बताया कि ईरान पर इजरायल के हमलों के बाद अब ‘इजरायल-हमास संघर्ष’ को खत्म करना ट्रंप की प्राथमिकता है। इजरायल ने 18 मार्च को गाजा में अपना सैन्य अभियान फिर से शुरू किया, जिसके साथ दो महीने का सीजफायर खत्म हो गया था। शनिवार को गाजा के स्वास्थ्य अधिकारियों ने आंकड़े जारी करते हुए बताया कि तब से कम से कम 6,089 फिलिस्तीनी मारे गए, जबकि 21,013 लोग घायल हुए हैं। अक्टूबर 2023 में हमास-इजरायल संघर्ष शुरू होने के बाद से अब तक फिलिस्तीनियों की मौत का आंकड़ा 56,412 हो गया है, जबकि 133,054 लोग घायल हुए हैं।
रूस से दोस्ती की तो लगेगा 500 प्रतिशत टैरिफ! डोनाल्ड ट्रंप के ऐलान से टेंशन में दुनिया
न्यूयॉर्क ,03 जुलाई । टैरिफ को लेकर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के तेवर फिर से तीखे हो गए है। ट्रंप ने अब एक ऐसे विधेयक को संसद में पेश करने की इजाजत दे दी है, जो रूस से ट्रेड करने वाले देशों पर 500 प्रतिशत टैक्स की वकालत करता है। इसमें चीन के साथ भारत भी है।दक्षिणी कैरोलिना से रिपब्लिकन सांसद लिंडसे ग्राहम ने एक इंटरव्यू में इसका दावा किया है। इंटरव्यू में ग्राहम ने कहा कि यह उनके लिए एक बड़ी सफलता है क्योंकि इस बिल का प्रस्ताव उन्हीं ने रखा है। ग्राहम ने कहा, यह बिल क्या करता है। यदि आप रूस से उत्पाद खरीद रहे हैं और आप यूक्रेन की मदद नहीं कर रहे हैं, तो आपके उत्पादों पर संयुक्त राज्य अमेरिका में आने पर 500 फीसदी का टैरिफ लगेगा। भारत और चीन पुतिन के तेल का 70 फीसदी खरीदते हैं और ऐसा कर वह रूस के युद्ध मशीन को ईंधन दे रहे हैं। अमेरिकी सांसद का दावा ऐसे वक्त पर आया है, जब भारत अमेरिका से ट्रंड डील फाइनल करने के लिए बातचीत कर रहा है। अमेरिकी सांसद ग्राहम का ये बयान ऐसे समय में आया है जब भारत और अमेरिका के बीच ट्रेड डील को अंतिम रूप देने के लिए बातचीत चल रही है। ग्राहम का दावा ये भी है कि ये पहला मौका है जब राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इस बिल का समर्थन किया है। उन्होंने बताया कि गोल्फ खेलते वक्त अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने उनसे कहा कि अब इस विधेयक को आगे बढ़ाने का समय आ गया है।
ग्राहम ने कहा कि यह पहली बार है, जब ट्रंप ने इस बिल का समर्थन किया है, जिसका उद्देश्य चीन और भारत जैसे देशों पर उच्च टैरिफ लगाकर उन पर हमला करना है जो बड़ी मात्रा में रूसी तेल आयात करना जारी रखे हुए हैं। ग्राहम ने कहा, भारत और चीन रूस का 70त्न तेल खरीद रहे हैं – वे युद्ध मशीन को चालू रख रहे हैं। मेरे विधेयक के 84 सह-प्रायोजक हैंज् कल पहली बार राष्ट्रपति ट्रंप ने मुझसे कहा कि विधेयक को आगे बढ़ाने का समय आ गया है। उन्होंने कहा कि जब वह गोल्फ खेल रहे थे तभी प्रेसिडेंट ट्रंप ने कहा कि बिल को आगे बढ़ाने का वक्त आ गया है।
अगर यह बिल अमेरिकी संसद से पारित हो जाता है तो इससे भारत और चीन दोनों के साथ अमेरिकी व्यापारिक संबंधों में बड़ी दरार आ सकती है। भारत के लिए अमेरिका शीर्ष निर्यात बाजार रहा है। इस बिल के पारित होने से भारतीय निर्यात बाधित होंगे, जिसकी वजह से आर्थिक और कूटनीतिक रिश्ते बिगड़ सकते हैं।
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