कोरबा। जिले के पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड अंतर्गत पचरा ग्राम पंचायत से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहाँ सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अंतर्गत मिलने वाले राशन में भारी अनियमितता पाई जा रही है। ग्रामीणों का आरोप है कि उन्हें नियमित रूप से चावल नहीं दिया जा रहा, जबकि उनसे अंगूठा लगवाकर उनकी उपस्थिति और राशन प्राप्ति दर्ज की जा रही है।
ग्रामीणों के अनुसार, जब से राशन वितरण का कार्य महिला स्व-सहायता समूह को सौंपा गया है, तब से स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। ग्रामीण बताते हैं कि बीते एक वर्ष से उन्हें सही मात्रा में चावल नहीं दिया जा रहा। स्थिति यह है कि अंगूठा लगवाने के बाद चावल की जगह कभी शक्कर, कभी चना थमा दिया जाता है और चावल के लिए उन्हें हफ्तों इंतजार करना पड़ता है। इतना ही नहीं, ग्रामीणों का यह भी कहना है कि दुकान संचालक शक्कर के दाम तय कीमत से अधिक वसूल रहा है। जब ग्रामीण इस पर आपत्ति जताते हैं और पूछताछ करते हैं तो उन्हें यह कहकर टाल दिया जाता है कि चावल बाद में मिलेगा।
दुकान संचालक ने बताया कि पूर्व में राशन में कुछ कटौती की गई थी और सोसाइटी द्वारा वसूली दिखाई जा रही है। उन्होंने यह भी कहा कि इसी वसूली की भरपाई लाभार्थियों से की जा रही है।
खाद्य विभाग के अधिकारी का कहना है कि यदि किसी प्रकार की वसूली दर्शाई गई है, तो उसकी भरपाई हितग्राहियों से नहीं, बल्कि संबंधित दुकान संचालक से की जानी चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि इस तरह की शिकायतें गंभीर हैं और यदि ऐसा हो रहा है, तो यह नियमों के विरुद्ध है तथा इसकी जांच कराई जाएगी।
ग्रामीणों ने मांग की है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जाए और जो भी लोग इसमें दोषी पाए जाएँ, उनके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई की जाए। साथ ही ग्रामीण यह भी चाहते हैं कि राशन वितरण की व्यवस्था को पारदर्शी और जवाबदेह बनाया जाए, ताकि भविष्य में कोई हितग्राही अपने हक से वंचित न हो। यह मामला ना सिर्फ प्रशासनिक लापरवाही को उजागर करता है, बल्कि यह भी दर्शाता है कि ग्रामीण क्षेत्रों में किस तरह लोगों को उनके मूलभूत अधिकारों से भी वंचित किया जा रहा है।