
बैंकाक, २७ जुलाई ।
शिव मंदिर को लेकर थाइलैंड और कंबोडिया का संघर्ष शनिवार को तीसरे दिन भी जारी रहा। दोनों ओर से हो रही फायरिंग और गोलाबारी में अभी तक 33 लोग मारे गए हैं और करीब 1,70,000 लोग विस्थापित हुए हैं। संघर्ष रोकने के लिए दोनों पक्षों पर अंतरराष्ट्रीय दबाव बढ़ता जा रहा है। प्रसात ता मोआन थोम मंदिर के नजदीक लैंडमाइन विस्फोट से थाइलैंड के पांच सैनिकों के घायल होने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव एकाएक बढ़ गया था और उसकी परिणति गुरुवार सुबह लड़ाई छिडऩे से हुई। दोनों देशों की 817 किलोमीटर लंबी सीमा पर दर्जन भर जगह लड़ाई छिड़ी हुई है। कंबोडिया ने शनिवार की लड़ाई में अपने 12 लोगों के मारे जाने की जानकारी दी है। इन्हें मिलाकर तीन दिनों की लड़ाई में वहां मरे लोगों की कुल संख्या 13 हो गई है। जबकि थाइलैंड में 20 लोग मारे गए हैं जिनमें ज्यादातर नागरिक हैं। दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों के संगठन आसियान, संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद, अमेरिका और चीन ने संघर्षविराम के लिए दोनों देशों पर दबाव बढ़ा दिया है। कंबोडिया के रक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता लेफ्टिनेंट जनरल माली सोचेता ने कहा है कि लड़ाई के बीच कंबोडिया के कोह कोंग प्रांत के नजदीक समुद्र में थाई नौसेना के चार युद्धपोत लंगर डाले हुए हैं और चार अन्य वहां आ रहे हैं।
ऐसे में क्षेत्र में तनाव बढऩा स्वाभाविक है। नौसेना की यह तैनाती कंबोडिया पर थाइलैंड का आक्रमण है जिसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। प्रवक्ता ने बताया कि अभी तक की लड़ाई में कंबोडिया के पांच सैनिक और आठ नागरिक मारे गए हैं। कंबोडिया में करीब 38 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। जबकि थाइलैंड की सेना ने कंबोडिया के आरोपों को गलत बताते हुए प्रतिद्वंद्वी देश पर तनाव बढ़ाने का आरोप लगाया है।थाइलैंड के अधिकारियों ने आरोप लगाया है कि कंबोडिया के हमलों से पड़ोसी देश लाओस को भी नुकसान हुआ है। वहां के कई घरों और संपत्तियों को कंबोडियाई गोलाबारी से नुकसान हुआ है, हजारों लोगों को ठिकाने छोडक़र सुरक्षित स्थानों पर जाना पड़ा है।