
कोलकाता। साल्टलेक स्टेडियम में अर्जेंटीना के दिग्गज फुटबालर लियोन मेसी के कार्यक्रम के कुप्रबंधन मामले में बंगाल के खेल मंत्री अरूप बिश्वास की कुर्सी चली गई, उन्हें मंगलवार को अपने पद से इस्तीफा देना पड़ा। उन्होंने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए वह खुद को पद से मुक्त करना चाहते हैं। मुख्यमंत्री ने उनका इस्तीफा स्वीकार करते हुए खेल विभाग फिलहाल अपने पास रखा है। इस्तीफा देने के बावजूद बिश्वास मंत्री बने रहेंगे क्योंकि उनके पास अभी भी बिजली व आवास विभागों का दायित्व है।बिश्वास पर कार्यक्रम वाले दिन अपने लोगों के साथ मेसी को लगातार घेरे रखने का आरोप है, जिसके कारण दर्शक दीर्घा में बैठे लोग अपने प्रिय फुटबालर को नहीं देख पाए और हंगामा मचाना शुरू कर दिया। बंगाल सरकार ने न्यायमूर्ति (सेवानिवृत्त) असीम कुमार राय की अध्यक्षता वाली जांच कमेटी की रिपोर्ट के आधार पर खेल विभाग के प्रधान सचिव राजेश कुमार सिन्हा, राज्य पुलिस के महानिदेशक (डीजी) राजीव कुमार व बिधाननगर कमिश्नरेट के पुलिस आयुक्त (सीपी) मुकेश कुमार को कुप्रबंधन मामले में कारण बताओ नोटिस जारी किया है। उनसे 24 घंटे के अंदर नोटिस का जवाब देने को कहा गया है।दूसरी तरफ बिधाननगर के उपायुक्त (डीसी) अनीश सरकार को निलंबित कर दिया गया है।
उनके विरुद्ध विभागीय जांच का भी आदेश दिया गया है। जब तक जांच चलेगी, वे निलंबित रहेंगे।वहीं, साल्टलेक स्टेडियम के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) देवकुमार नंदन को बर्खास्त कर दिया गया है। जांच कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में घटना के पीछे खेल व पुलिस विभाग की घोर लापरवाही बताई है।कमेटी ने कहा कि स्टेडियम में दायित्व प्राप्त अधिकारियों ने अपने कर्तव्यों का ठीक से निर्वाह नहीं किया। कमेटी की सिफारिशों पर बंगाल सरकार ने मामले की जांच के लिए चार सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआइटी) का गठन किया है, जिसमें एडीजी (कानून व्यवस्था) जावेद शमीम, एडीजी (दक्षिण बंगाल) सुप्रतिम सरकार, बैरकपुर कमिश्नरेट के सीपी मुरलीधर शर्मा व मुख्यमंत्री के सुरक्षा निदेशक पीयूष पांडे शामिल हैं।मेसी के कार्यक्रम के लिए 6,000 अतिरिक्त वीआइपी पास व ग्राउंड पर जाने के लिए 500 अतिरिक्त ‘फील्ड आफ प्ले’ पास बांटे गए थे। बिधाननगर कमिश्नरेट की पुलिस के खुफिया विभाग ने यह राजफाश किया है। यह भी सामने आया है कि आखिरी मिनटों में ये पास वितरित किए गए थे, जिनमें से बहुतों में विभिन्न सरकारी विभागों की मुहर लगी थी।


















