
दार्जिलिंग। दार्जिलिंग पहाड़ ने बंगाल सरकार के उस आदेश को सिरे से खारिज कर दिया है, जिसमें सभी स्कूलों में सुबह की प्रार्थना सभा में राज्य गीत ‘बांग्लार माटी, बांग्लार जल’ गाना अनिवार्य किया गया था।
गोरखालैंड क्षेत्रीय प्रशासन (जीटीए) के प्रमुख कार्यकारी अनित थापा ने शुक्रवार को साफ कर दिया कि यह नियम जीटीए क्षेत्र के किसी भी स्कूल पर लागू नहीं होगा। उन्होंने कहा कि जीटीए एक स्वायत्त प्रशासनिक व्यवस्था है।
दार्जिलिंग पहाड़ की अपनी अलग सांस्कृतिक पहचान, परंपरा और भाषाई विविधता है। इसे हमेशा सम्मान मिलना चाहिए। यहां के लोगों की भावनाएं इससे जुड़ी हैं इसलिए, हमारे स्कूलों में वही पुरानी परंपरा जारी रहेगी।
दार्जिलिंग के स्कूलों में वर्षों से राष्ट्रगान के बाद अपना स्कूल गीत और प्रार्थना गीत गाने की प्रथा चली आ रही है और आगे भी यही जारी रहेगा।मालूम हो कि राज्य सरकार ने 6 नवंबर को आदेश जारी कर सभी सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों में राज्य गीत गाना अनिवार्य किया था।

























