जयपुर। झालावाड़ के पिपलोदी गांव में सरकारी स्कूल के भवन की छत गिरने के मामले में अधिकारियों की लापरवाही सामने आ रही है। भवन की जर्रर हालत से चिंतित ग्रामीणों ने अधिकारियों के साथ स्कूल से शिक्षकों से भी मरम्मत कराने की गुहार लगाई थी, लेकिन उन्होंने चिंता नहीं की।

अधिकारियों ने उन्हें अपने स्तर पर मरम्मत कराने के लिए कह दिया तो शिक्षकों ने कहा था कि प्रति परिवार दो-दो सौ रुपये इकट्ठा कर लो तो नई छत डलवा दी जाएगी। हादसे से गुस्साए स्थानीय लोगों ने कहा कि उन्होंने स्कूल भवन की स्थिति के बारे में तहसीलदार और सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट को सूचित किया था, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई।

ग्रामीणों ने कई बार स्कूल मरम्मत को कहा था

बताया कि स्कूल भवन का बड़ा हिस्सा पिछले चार साल से जर्जर है। हर साल बारिश में इन कमरों की छत से पानी गिरता रहता है। ग्रामीण बाबूलाल ने कहा कि हम लोगों ने कई बार स्कूल प्रशासन और सरकारी अधिकारियों को मरम्मत करवाने का आग्रह किया। वहीं, ग्राम विकास अधिकारी दौलत गुर्जर ने कहा कि चार साल पहले ही मरम्मत करवाई थी। चार साल से छत क्षतिग्रस्त होने की बात सही नहीं है।