
भोपाल, १9 अक्टूबर ।
छिंदवाड़ा बच्चों की जान लेने वाले कोल्ड्रिफ कफ सिरप को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। एसआईटी की जांच में सामने आया कि इस जहरीले सिरप की कभी लैब टेस्टिंग हुई ही नहीं। यानी बिना टेस्टिंग के ही सिरप बाजार में पहुंचा और मरीजों को पिलाया गया।सूत्रों के अनुसार, श्रीसन फार्मा की केमिकल एनालिस्ट के. माहेश्वरी ने पूछताछ में माना है कि कंपनी में लैब टेस्टिंग की बेहतर सुविधा मौजूद नहीं थी। कुछ ही दवाओं की औपचारिक जांच होती थी, जबकि कोल्ड्रिफ कफ सिरप को बिना परीक्षण सीधे बाजार में उतार दिया गया। जांच में यह भी सामने आया कि ड्रग डिपार्टमेंट ने भी कंपनी की रेगुलर जांच नहीं की। वहीं, आरोपी माहेश्वरी करीब 18 साल से इस क्षेत्र में कार्यरत हैं और पिछले चार साल से श्रीसन फार्मा में पदस्थ थीं। एसआईटी ने जहरीला सिरप बनाने वाली फैक्ट्री के मालिक रंगनाथन से भी पूछताछ की। जांच टीम उसे कुछ दिन पहले तमिलनाडु लेकर गई थी, जहां से साक्ष्य और दस्तावेज जुटाए गए। कल शाम टीम वापस लौटी। बताया जा रहा है कि देर रात तक रंगनाथन और माहेश्वरी को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की गई।