
नई दिल्ली। केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियां लाल किला विस्फोट को बेहद गंभीरता से ले रही हैं। जांच में पता चला है कि फरीदाबाद-सहारनपुर मॉड्यूल कई राज्यों में फैला हुआ है। इसलिए, इस पूरे मॉड्यूल का पता लगाना और उसे पकड़ना सुरक्षा एजेंसियों और राज्य पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया है। इंडियन मुजाहिदीन की तरह इस पूरे मॉड्यूल को खत्म करने का फैसला किया गया है।
इसी सिलसिले में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने रविवार को दिल्ली, जम्मू-कश्मीर, पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश में आतंकवादियों और उनके सहयोगियों के ठिकानों पर छापेमारी शुरू कर दी। एनआईए संबंधित राज्यों की पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी कर रही है। सूत्र बता रहे हैं कि ये छापेमारी कई दिनों तक जारी रहेगी। एजेंसी ने अभी तक आधिकारिक तौर पर छापेमारी के बारे में कोई जानकारी साझा नहीं की है।
लाल किला विस्फोट में अब तक 13 लोगों की मौत हो चुकी है। छह घायलों का अभी भी लोक नायक अस्पताल में इलाज चल रहा है। अधिकारियों का कहना है कि यह एक ‘सफेदपोश’ आतंकवादी मॉड्यूल है, जिसका नेतृत्व डॉक्टरों का एक समूह कर रहा है।
विस्फोट में मारा गया जैश-ए-मोहम्मद का आतंकवादी डॉ. उमर नबी बट पिछले साल से आत्मघाती हमले की योजना बना रहा था। इस मामले में फरीदाबाद स्थित अल फलाह विश्वविद्यालय से जुड़े दो डॉक्टरों, मुज़म्मिल और शाहीन को गिरफ्तार किया गया है। जम्मू-कश्मीर के अनंतनाग स्थित सरकारी मेडिकल कॉलेज की छात्रा प्रियंका शर्मा (रोहतक, हरियाणा निवासी) को भी हिरासत में लिया गया है।





















