
बाराद्वार। नगर पंचायत उपाध्यक्ष के चुनाव में कांग्रेस को मुंह की खानी पड़ी। भाजपा प्रत्याशी जितेश शर्मा ने 87 प्रतिशत से ज्यादा वोट हासिल कर कांग्रेस के कैलाश भैना को 12 वोटों के बड़े अंतर से पटखनी के साथ पार्टी की ताकत का एहसास कराया है। इस बड़ी जीत में निर्दलीय पार्षदों के साथ ही भाजपा को कांग्रेस के एक पार्षद का भी साथ मिला है, अर्थात कांग्रेस को क्रॉस वोटिंग का नुकसान उठाना पड़ा है। उल्लेखनीय हैं कि 15 पार्षदों वाली नगर पंचायत
में अध्यक्ष सहित 16 वोट पड़े, जिसमें भाजपा के जितेश शर्मा को 14 मत मिले, वहीं कांग्रेस के कैलाश भैना 2 वोट में सिमट कर रह गए। नपं उपाध्यक्ष पद को लेकर गंभीर भाजपा में प्रत्याशी चयन के लिए बड़ी चतुराई और सूझबूझ से निर्णय लिया गया। इसके लिए उसे गुटीय राजनीति के चलते हल्की सी एक्सर साइज भी करनी पड़ी। ऐसी खबर है कि पिछले दरवाजे से कुछ नेता जितेश की जगह किसी दूसरे का नाम आगे बढ़ा रहे थे, उन्हें भरोसा था कि इस अभियान में कामयाबी मिलेगी। लेकिन पार्टी ने आखिरी समय तक पत्ते नहीं खोले और बड़ी चतुराई के साथ ठीक समय पर जितेश शर्मा को प्रत्याशी बनाकर सूझबूझ से काम लिया। जिसके चलते उसे एक तरफा जीत मिली। वहीं पार्टी को कलह जैसी स्थिति से जूझना नहीं पड़ा। दूसरी ओर इस चुनाव में कांग्रेस ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि उसकी ओर से प्रत्याशी उतारा जाएगा, अर्थात भाजपा को वॉकओवर नहीं दिया जाएगा। उसने ऐसा किया भी, लेकिन अपने ही घर मे लगी सेंध ने उसे आत्म चिंतन को मजबूर किया है। नगर पंचायत में कांग्रेस के तीन पार्षद हैं, जबकि पार्टी प्रत्याशी को दो वोट मिले, इस चुनाव में उसे क्रॉस वोटिंग का दंश झेलना पड़ा है।
चाटुकार सक्रिय, नपं में डेरा जमाने की तैयारी
शहरी सरकार के गठन के समय से कुछ चाटुकार सक्रिय हो गए हैं। बड़ी-बड़ी हांकने और बातें बनाने में माहिर इन चेहरों के आगे अच्छे-अच्छे नेता भी खिंचे चले आते हैं और फिर बड़ी चतुराई से इन नेताओं का इस्तेमाल कर चाटुकार अपनी जेब भरने में पीछे नहीं रहते। फिलहाल चाटुकारों की नजर नगर पंचायत के पदाधिकारियों पर है। उन्हें बड़े-बड़े सपने दिखाकर ये चाटुकार कुछ वर्षों से बंद पड़ी दुकानदारी फिर से शुरू करने की तैयारी में हैं। अब देखना है कि आगे क्या कुछ होता है।