
18 नए मोबाइल टॉवर लगने का किया जा रहा इंतजार
कोरबा। सरकारी सेक्टर वाली टेलीकॉम कंपनी भारत संचार निगम लिमिटेड के उपभोक्ताओं की संख्या जिले में बढऩे के साथ कुछ सेवाओं को बेहतर करने के दावे किए गए हैं लेकिन पिछले कुछ दिनों से कॉलिंग सर्विस को लेकर शहर से लेकर ग्रामीण क्षेत्रों में समस्याएं बनी हुई है। कॉल नहीं लगने से लेकर लगने पर बीच में ही डिस्कनेक्ट होने को लेकर उपभोक्ता परेशान हैं। जबकि कुछ इलाके में इंटरनेट को लेकर भी इसी तरह की मुसीबतें उपभोक्ताओं के सामने है। इन्हें जरूरी उपचार देने की जरूरत महसूस की जा रही है।
कोरबा जिले में कुछ महीने पहले ही जियो, आइडिया और एयरटेल जैसी कंपनियों के द्वारा मंथली टैरिफ में बढ़ोत्तरी किए जाने और बीएसएनएल की ओर से टैरिफ कम करने के साथ आकर्षक प्लान लॉंच करने से कई प्रत्यक्ष परिणाम सामने देखने को मिले। खबर है कि महज दो महीनें में दूसरी कंपनियों के 4 लाख से ज्यादा उपभोक्ताओं ने अपने-आपको इन कंपनियों से मुक्त करा लिया और ये सभी बीएसएनल के साथ आ गए। एक साथ बड़ी संख्या में उपभोक्ताओं का साथ मिला तो बीएसएनएल को मजबूती मिली। खबर के अनुसार न केवल कोरबा बल्कि आसपास के जिलों में भी ऐसी ही उत्साहजनक जानकारी सामने आई। बाजार के विश£ेषकों का कहना है कि मौजूदा स्थिति में सामान्य व्यक्ति के पास दो-दो मोबाइल हैंडसेट है और वह कम से कम एक सिम बीएसएनल का इस्तेमाल कर रहा है। ऐसी स्थिति में उपयोग के लिए हर महीने लेने वाले न्यूनतम रिचार्ज से भी बीएसएनएल आर्थिक मजबूती की तरफ बढ़ रहा है। उसके प्रीपेड और पोस्टपेड ग्राहकों की संख्या में बढ़ोत्तरी होने से उसकी माली हालत में पूर्व की तुलना में अपेक्षित सुधार दिख रहा है। ग्राहकों को उम्मीद थी कि आगे और भी अच्छी स्थिति निर्मित होगी। लेकिन एक बार फिर शहर के कुछ हिस्से के साथ-साथ ग्रामीण इलाके में बीएसएनल की नेटवर्क कनेक्टिीविटी के बाधित होने के चक्कर में लोग परेशान हैं। वर्तमान में यह चीज सामने आई है कि आसानी से बीएसएनएल मोबाइल से कॉल कनेक्ट नहीं हो रहा है और बहुत प्रयास से ऐसा होता भी है तो बीच में भी डिस्कनेक्शन की झंझट लोगों का सिरदर्द पैदा कर रही है। यह कब और कैसे ठीक होगी, इसका जवाब लोग चाहते हैं।
नए प्रस्ताव पर काम कब?
सितंबर महीने में भारत संचार निगम लिमिटेड के द्वारा उपभोक्ता सलाहकार समिति की बैठक जोनल स्तर पर बिलासपुर में रखी गई थी। इसमें स्थानीय सांसद के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। उनके पत्र पर अधिकारियों की ओर से बताया गया था कि कोरबा जिले में 18 नए टॉवर को मंजूरी दी गई है और जल्द इन पर काम किया जाएगा। प्रतीक्षा है कि यह काम कब तक क्रियान्वित होगा।