
कोरिया बैकुंठपुर। वाटरशेड ऑर्गनाइजेशन ट्रस्ट एवं एचडीएफसी परिवर्तन, एफडीपी परियोजना के अंतर्गत शासकीय ऊच्च्तर माध्यमिक विद्यालय -सुन्दरपुर के साथ संयुक्त अभिसरण तथा शासकीय ऊच्च्तर माध्यमिक विद्यालय -सुन्दरपुर भंवरपाल सिंह (प्राचार्य) के मार्गदर्शन एवं सहयोग से विकास खंड सोनहत के ग्राम सुन्दरपुर में भूमिगत जल बचाओ अभियान कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
छत्तीसगढ़, जिसे भारत का धान का कटोरा कहा जाता है, प्राकृतिक संसाधनों और कृषि परंपरा से समृद्ध है। लेकिन हाल के वर्षों में भूजल स्तर में खतरनाक गिरावट देखी गई है, जिसका मुख्य कारण अनियंत्रित दोहन, बदलता मानसून और सिंचाई व घरेलू उपयोग के लिए बढ़ती मांग है। भारी मानसूनी वर्षा के बावजूद, राज्य के कई हिस्सों में मौसमी जल संकट की स्थिति बनी रहती है। ग्रामीण क्षेत्रों में सिंचाई के लिए बोरवेल और ट्यूबवेल पर अत्यधिक निर्भरता के कारण भूजल स्तर तेजी से घट रहा है। दुर्ग, रायपुर, राजनांदगांव और बिलासपुर जैसे जिलों में केंद्रीय भूजल बोर्ड की रिपोर्टों में भूजल स्तर में गिरावट दर्ज की गई है सफल कृषि के लिए जल एक महत्वपूर्ण घटक है। पर्याप्त मात्रा में स्वच्छ, उपयोगी जल फसलों और पशुओं को फलने-फूलने में सक्षम बनाता है। कृषि संबंधी लाभों के अलावा, जल कई संवेदनशील या संरक्षित भूमियों, जैसे आर्द्रभूमि, के पर्यावरण को संरक्षित करने के लिए भी आवश्यक है। सोनहत, कई अन्य क्षेत्रों की तरह, सीमित संसाधनों के साथ जल आवश्यकताओं को संतुलित करने की चुनौती का सामना कर रहा है। छत्तीसगढ़ अपनी नदियों के लिए जाना जाता है, लेकिन दैनिक उपयोग के लिए स्वच्छ, मीठे पानी की उपलब्धता एक बढ़ती हुई चिंता का विषय है। वाटर संस्था से कार्यक्रम समन्वयक विनायक शर्मा ने कहा हमें यह समझना होगा कि जल एक असीमित संसाधन नहीं है, और इसका संरक्षण हमारे और हमारे समुदाय के स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। पानी बचाना केवल एक व्यक्तिगत जि़म्मेदारी नहीं है, यह एक सामूहिक जि़म्मेदारी है। उच्चतर माध्यमिक विद्यालय प्राचार्य भंवरपाल सिंह ने कहा साथ मिलकर काम करके, हम अपने समुदाय और आने वाली पीढिय़ों के लिए इस बहुमूल्य संसाधन के संरक्षण में महत्वपूर्ण बदलाव ला सकते हैं। आइए, अपने दैनिक जीवन में जल संरक्षण के लिए सचेत प्रयास करें और सोनहत के लिए एक स्थायी भविष्य सुनिश्चित करें जल संरक्षण का संकल्प लेने में हमारे साथ जुड़ें। आइए, जल संरक्षण को सि$र्फ एक नारा नहीं, बल्कि एक आदत बनाएँ। कार्यक्रम में शाला के छात्र/छात्राए , शिक्षक , प्राचार्य भंवरपाल सिंह, ग्राम विकास समिति के सदस्य , वाटर संस्था से विनायक शर्मा एवं संस्था के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित रहे।