बलरामपुर। रामानुजगंज रामचंद्रपुर विकासखंड के ग्राम रेवतीपुर में कोरवा जनजाति के ग्रामीण की मृत्यु रविवार के शाम घर में हो गई थी स्वजनों एवं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि वन विभाग के द्वारा घर खाली करने के लिए हस्ताक्षर कराया गया था जिसके तनाव में आकर उसकी मृत्यु हो गई। स्वजनों एवं ग्रामीणों के द्वारा आज चक्का जाम रामचंद्रपुर सनवाल मुख्य मार्ग पर कर दिया गया था सूचना पर मौके पर रामचंद्रपुर पुलिस एसडीओपी बाजीलाल सिंह मौके पर पहुंची जिनके द्वारा उचित कार्रवाई का भरोसा दिया जिसके बाद ही चक्का जाम टूट सका। चक्का जाम टूटने के बाद 100 को पोस्टमार्टम के लिए 100 बिस्तर अस्पताल रामानुजगंज भेजा गया। स्वजनों एवं ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि 5 दिनों से लगातार वन विभाग की टीम गांव में आ रही थी एवं घरों के जप्ती नामा पर हस्ताक्षर कराकर फोटो खींचकर घर गिराए जाने की बात कही जा रही थी। जिससे रेवतीपुर के वार्ड क्रमांक 8 में रहने वाला बिफन कोरवा पिता रामधनी कोरवा उम्र 50 वर्ष तनाव में रह रहा था कई दिन से वह खाना पीना छोड़ दिया था शाम को उसने जैसे ही पानी पीकर चलना शुरू किया गिरकर उसकी मृत्यु हो गई। रेवतीपुर की सरपंच ऐसा खातून ने कहा कि वन विभाग के द्वारा घर गिरने के नाम पर बिफन को बहुत ही भयभीत कर दिया गया था जिसे उसने खाना पीना छोड़ दिया था जिससे उसकी मृत्यु हुई है। सुबह 7 से लेकर 10 तक 3 घंटे तक चक्का जाम रहा एसडीओपी की समझाइए इसके बाद चक्का जाम टूट सका। रेंजर अजय वर्मा ने कहा कि मृतक का किसी प्रकार से वन अपराध दर्ज नहीं है नहीं उसे किसी प्रकार का वन विभाग की ओर से नोटिस दिया गया था वन विभाग की टीम गांव में वन अधिकार पट्टा के शिकायत पर जांच करने पहुंची थी उन्होंने आरोपी का खंडन किया।