
भोपाल-जयपुर १६ अक्टूबर ।
मध्य प्रदेश और राजस्थान में दूषित कफ सीरफ पीने से कई बच्चों की मौत के बाद केंद्र सरकार नकली दवा बनाने और बेचने वालों के खिलाफ सख्त कानून लाने जा रही है। मापदंड और नियम-कायदों को ताख पर रखते हुए जिस तरह दवाइयां बनाई जा रही हैं, उस पर लगाम लगाने की तैयारी शुरू हो गई है। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय कड़ा कानून बनाने की तैयारी में जुट गया है। मंगलवार को स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा की अध्यक्षता में हुई बैठक में ‘औषधि, चिकित्सा उपकरणऔर सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम, 2025’ के मसौदे पर चर्चा हुई। माना जा रहा है कि जल्द ही इस मसौदे को मंजूरी के लिए मंत्रिमंडल के सामने पेश किया जाएगा और वहां से हरी झंडी मिलने पर आगामी शीतकालीन सत्र के दौरान संसद में पेश किया जाएगा।उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार, बैठक में केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन और ड्रग कंट्रोलर आफ इंडिया की ओर से नए प्रस्तावित कानून का विस्तृत मसौदा पेश किया गया। नया कानून 1949 के औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम की जगह लेगा। नए प्रस्तावित कानून में दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सीडीएससीओ को अधिक शक्तियों का प्रविधान किया गया है।दवाओं, मेडिकल उपकरणों और सौंदर्य प्रसाधनों के निर्माण के लिए लाइसेंस देने व निरस्त करने की प्रक्रिया में भी सीडीएससीओ को अधिक अधिकार दिया जाएगा। अभी यह अधिकार राज्यों के खाद्य व औषधि विभाग के पास है। नया कानून अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाया जा रहा है। इसका उद्देश्य निर्माण से लेकर बाजार वितरण तक, हर स्तर पर जवाबदेही और पारदर्शिता सुनिश्चित करना है।स्वास्थ्य मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नए कानून की जरूरत बताते हुए कहा कि श्रीसन फार्मा के जहरीले कफ सीरप कोल्ड्रिफ के मामले से दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने में बड़ी खामी उजागर हुई है। सीडीएससीओ को श्रीसन फार्मा और उसके उत्पाद कोल्ड्रिफ के बारे में कोई जानकारी ही नहीं थी।सीडीएससीओ के पोर्टल सुगम पर सभी दवा निर्माता कंपनियों और उसके उत्पादों की जानकारी देने के नियम के बावजूद इसकी जानकारी नहीं दी गई। यही नहीं, मध्य प्रदेश के अनुरोध पर कोल्ड्रिफ की जांच करने और उसमें जहरीला रसायन पाए जाने के बाद भी तमिलनाडु ने इसकी जानकारी सीडीएससीओ को नहीं दी थी।हद तो तब हो गई, जब श्रीसन फार्मा का लाइसेंस निरस्त करने के सीडीएससीओ के निर्देश का पालन भी 12 दिनों के बाद किया गया। वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि नया कानून इन सभी खामियों को दूर करने का काम करेगा।