
कोरिया। कोरिया। मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) में मेट की भर्ती के लिए, ग्राम पंचायत स्तर पर आवेदन आमंत्रित किए जाते हैं। मेट का मुख्य काम मनरेगा के तहत काम करने वाले मजदूरों की निगरानी करना और कार्यों का प्रबंधन करना है। मेट के चयन में महिलाओं को प्राथमिकता दी जाती है और उनका चयन ग्राम सभा द्वारा किया जाता है।ग्राम सभा द्वारा मेट का चयन किया जाता है, जिसमें महिला आवेदकों को प्राथमिकता दी जाती है।ग्राम पंचायत में मेट का एक पैनल बनाया जाता है, जिसमें कम से कम लगभग 5 और आवश्यकता अनुसार अधिक भी मेटों के नाम होते हैंचयनित मेटों को मनरेगा से संबंधित कार्यों, जैसे मस्टर रोल, मजदूरों के काम की माप, और सामग्री की गुणवत्ता की जांच आदि का प्रशिक्षण दिया जाता है।
मनरेगा में, मेटों का मुख्य काम श्रमिकों को काम का आवंटन करना और कार्यों की माप करना है। उन्हें यह भी सुनिश्चित करना होता है कि श्रमिक काम कर रहे हैं और उनकी उपस्थिति सही ढंग से दर्ज की जा रही है। हालांकि, कुछ मेट अनियमितताएं करते हैं, जिनमें मास्टर रूल में फर्जी हाजरी मजदूरों के उपस्थिति में हेरफेर मेटों द्वारा श्रमिकों की ऑनलाइन आफ लाइन उपस्थिति में हेरफेर किया जाता है, जिससे श्रमिकों को काम न करने पर भी मजदूरी मिल जाती है और कई स्थानों पर कार्यस्थल में जितनी हाजरी लगी होती है उतने मजदूर होते नही है, इस तरह की आम शिकायतें अक्सर बनी रहती है जिनके निराकरण नही होते, इन्ही समस्याओं के मद्दे नजर जनपद पंचायत सोनहत ने संज्ञान लिया है ।
जारी आदेश में कहा गया है कि जिले के अलग अलग ग्राम पंचायतों से मेंटों द्वारा लगातार अपने दायित्वो के निर्वहन में लापरवाही एवं मनमानी करने की शिकायतं जिला एवं जनपद स्तर पर प्राप्त हो रही है। जांच की कार्यवाही में संज्ञान में आया है कि कुछ पंचायतों में 01 वर्ष से अधिक समय से कार्यरत मेटों से अब भी कार्य लिया जा रहे है, जिससे उनके द्वारा मनमानी एवं कायों में अनियमितता करने की शिकायतें पंचायतों से हो रही है। उक्त कृत्य मनरेगा प्रावधानों एवं अधिनियम के विपरीत है। राज्य कार्यालय के निर्देशानुसार जिले एवं जनपद से पूर्व में भी 50 प्रतिशत महिला मेटों को नियोजित करने के निर्देश दिए गये हैं परन्तु उसका पालन कडाई से शत्-प्रतिशत ग्राम पंचायतों में नही किया जाना परिलक्षित हुआ है। वर्तिमान में आपको पुन: निर्देशित किया जाता है कि ऐसी सभी पंचायतें एवं मनरेगा क्रियान्वयन एजेंसियां जिनके यहां कायों में नियोजित मेट 01 वर्ष की अधिक अवाधि सेकार्यरत हैं उन्हे तत्काल मेट के दायित्वों से मुक्त कर मेट नियुक्ति की नवीन गाईड लाईन का पालन करते हुए महिला मेटों को प्राथमिकता देकर नियुकित प्रक्रिया पूर्ण कराईं जावे। राज्य कार्यालय से मेटों की नियुवित हेतु संचिव छ0ग शासन पंचायत एवं ग्रागीण विकास विभाग, मंत्रालय रायपुर छ0ग के द्वारा संदर्भित पत्र के माध्यम से महात्मा गांधी नरेगा योजनांतर्गत निर्माण कार्यों में मेट प्रणाली का पालन करते हुयग मेटों को नियोजित करने के निर्देश दिये गये हैं। छ0ग0 शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा मेंटों के चयन, नियुक्ति नियोजन एवं कार्यप्रणाली के संबंध में स्पष्ट निर्देश दिये गये हैं जिसमें प्रमुख रूप से प्रत्येक ग्राम पंचायत में मेट का एक पैनल तैयार किया जायेंगा जो उसी ग्राम पंचायत का निवासी हो तथा प्रत्येक 40 श्रमिकों हेतु एक मेट रखा जायेगा जिसमें महिलाओं को भी समान प्राथमिकता दिया जावेगा। मेट पैनल का कार्यकाल 01 वर्ष (01 जनवरी से 31 दिसम्बर तक) के लिये होगा और यदि मेट द्वारा किसी प्रकार के कार्य में अनियमितताएं किये जाने पर तत्काल उसे पद से हटाते हुये दूसरे मेट को कार्य सँपा जायेंगा तथा उसे मेट पैनल से भी बाहर कर दिया जायेगा और भविष्य में कभी भी मेट के रूप में कार्य पर नही लिया जायेगा। मस्टर रोल की सुरक्षा का दायित्व में मेट का है जिसे कार्य स्थल अनुशासन रखते हुये मस्टर रोल में प्रतिदिन श्रमिकों की दो बार उपरिथिति दर्ज की जानी है। आदेश में सरपंच सचिवों को पुन: निर्देशित किया जाता है कि आप संदर्भित पत्र में दिये गये निर्देशों का पालन करते हुये आगामी एक माह में एक ग्राम पंचायत में एक से अधिक वर्षों से कार्यरत मेट को तत्काल प्रभाव से मेट के कार्य दायित्वों से पृथक करना सुनिशिचित करें तथा नियमानुसार एक वर्ष के लिये नवीन मेट पैनल का गठन करना सुनिश्चित करें, जिसमें 50 प्रतिशत से अधिक महिला श्रमिकों की सहभागिता सुनिशिचित की जो तथा उक्त मेट पैनल में से ही मेटों को कार्यों में नियोजित करना सुनिश्चित करें अन्यथा छ0ग0 शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा जारी न्दिेशों का उल्लंघन करने पर आपके विरूद्ध अनुशासनात्मक कार्यवाही प्रस्तावित की जावेगी, जिसके जिम्मेदार सम्बंधित सचिव होंगे। पंच संघ सोनहत के अध्यक्ष प्रेम सागर तिवारी ने सीईओ सोनहत के इस आदेश का स्वागत करते हुए कहा कि उक्त निर्णय बहुत ही शानदार है हमारा संगठन इसके लिए पहले से ही मांग कर रहा था इस आदेश के जारी होने से कई लोगो को खास कर महिलाओं को समान प्राथमिकता के आधार पर मौका मिलेगा। साथ ही वर्षो से पदों पर जमे और अनियमितता को अंजाम दे रहे मेटो की छुट्टी होगी। अध्यक्ष पंच संघ ने कहा कि आदेश जारी होने के बाद से इसका कड़ाई से पालन होना चाहिए हालांकि अभी तक ऐसा हुआ नही है लेकिन इसका कड़ाई से पालन होना चाहिए।