रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजनीति में एक बार फिर हलचल मच गई है। कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी और वरिष्ठ नेता सचिन पायलट शनिवार को रायपुर दौरे पर आ रहे हैं। वे सुबह 8 बजे रायपुर एयरपोर्ट पहुंचेंगे, जिसके बाद वे सेंट्रल जेल में बंद पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य बघेल से मुलाकात करेंगे। यह मुलाकात सुबह 11 बजे तय है। चैतन्य बघेल को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने छत्तीसगढ़ के बहुचर्चित शराब घोटाले से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में 18 जुलाई को गिरफ्तार किया था। उसी दिन ईडी ने पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निवास पर भी छापेमारी की थी। इस कार्रवाई के बाद से राज्य में कांग्रेस और भाजपा के बीच राजनीतिक टकराव चरम पर पहुंच गया है।
कांग्रेस पार्टी इस गिरफ्तारी को “राजनीतिक प्रतिशोध” करार देते हुए लगातार विरोध प्रदर्शन कर रही है। रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, राजनांदगांव समेत कई जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने धरना और प्रदर्शन कर केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी की है। अब प्रदेश प्रभारी सचिन पायलट की चैतन्य बघेल से प्रस्तावित मुलाकात को कांग्रेस की आगामी रणनीति के संकेत के रूप में देखा जा रहा है। सूत्रों के अनुसार, पायलट की यह यात्रा केवल एक सहानुभूति भेंट नहीं, बल्कि राज्य में पार्टी के आंदोलन को धार देने की तैयारी का हिस्सा है।
माना जा रहा है कि पायलट की रिपोर्ट पर आलाकमान इस मामले को लेकर केंद्र सरकार पर दबाव बनाने की रणनीति तैयार करेगा। इस पूरे घटनाक्रम से स्पष्ट है कि कांग्रेस इसे एक बड़ा मुद्दा बनाकर आगामी निकाय और पंचायत चुनावों में राजनीतिक लाभ लेने की कोशिश करेगी। सचिन पायलट की इस सक्रियता से राज्य कांग्रेस को एकजुट करने की भी कवायद देखी जा रही है, विशेषकर तब जब पार्टी अंदरूनी मतभेदों से जूझ रही है। ईडी की कार्रवाई के विरोध में कांग्रेस ने आने वाले दिनों में राज्यव्यापी जनआंदोलन चलाने का ऐलान भी किया है। पायलट के रायपुर दौरे के बाद यह आंदोलन और तेज होने की संभावना है। इस बीच भाजपा ने कांग्रेस पर भ्रष्टाचार को छुपाने का आरोप लगाया है और कहा है कि कानून अपना काम कर रहा है। पार्टी ने यह भी कहा कि कोई भी कितना ही बड़ा चेहरा क्यों न हो, अगर उसने गलत किया है, तो जांच एजेंसियों को अपना काम करने देना चाहिए।