बाल मेला में बच्चों ने दिखाई कल्पनाशीलता, सृजनशीलता और सीखने की नई पहल

कोरिया बैकुंठपुर। विकासखंड बैकुण्ठपुर के अंतर्गत शासकीय प्राथमिक शाला फाटपानी कंटहिया पारा एवं गदबदी तथा शासकीय माध्यमिक शाला गदबदी में एफ.एल.एन. ($फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमरेसी) मेला एवं बाल मेला का भव्य आयोजन बड़े ही हर्षोल्लास के साथ किया गया। शिक्षा विभाग के निर्देशन में आयोजित इस मेले का उद्देश्य बच्चों में बुनियादी साक्षरता एवं संख्यात्मक ज्ञान को मनोरंजक, रचनात्मक और व्यवहारिक तरीके से विकसित करना था।
मेले में प्राथमिक स्तर के विद्यार्थियों द्वारा गणित, हिंदी एवं अंग्रेजी विषयों पर आधारित सहायक शिक्षण सामग्री के माध्यम से आकर्षक स्टॉल लगाए गए। बच्चों ने अपने द्वारा तैयार की गई सामग्री के जरिए गणितीय संक्रियाओं, अक्षरों की पहचान, शब्द निर्माण, वाक्य पठन-पाठन तथा विभिन्न भाषाई गतिविधियों को सरल और रोचक ढंग से प्रस्तुत किया। स्टॉलों पर उपस्थित बच्चों ने अपने साथी विद्यार्थियों को खेल-खेल में सीखने की विधि अपनाते हुए ज्ञान अर्जित करने में सहयोग दिया। इस अभूतपूर्व सहभागिता ने बच्चों में न केवल आत्मविश्वास बढ़ाया बल्कि स्वयं करके सीखने की क्षमता, रचनात्मकता और नेतृत्व कौशल को भी विकसित किया। साथ ही बाल मेला भी आयोजन का विशेष आकर्षण रहा। इसमें बच्चों द्वारा विभिन्न खेल गतिविधियों के स्टॉल तथा अल्पाहार के काउंटर लगाए गए। इन गतिविधियों ने छात्रों में लीडरशिप, टीमवर्क, गणितीय कौशल तथा व्यवहारिक समझ को नई दिशा प्रदान की। मेले में बच्चों की ऊर्जा, उत्साह और सहभागिता ने सभी उपस्थितों का मन मोह लिया। मेले में भागीदारी सुनिश्चित करने हेतु प्रत्येक विद्यालय द्वारा सभी पालकों, प्रतिनिधियों एवं विद्यालय प्रबंधन समिति के सदस्यों को आमंत्रित किया गया था। आमंत्रण के अनुरूप बड़ी संख्या में पालक एवं अतिथि उपस्थित हुए और उन्होंने बच्चों की प्रतिभा एवं प्रयासों की सराहना की। उपस्थित अभिभावकों ने कहा कि ऐसे आयोजन बच्चों में सीखने की ललक बढ़ाते हैं और शिक्षा को आनंददायक बनाते हैं। इस अवसर पर ग्राम पंचायत गदबदी के सरपंच संतोष अर्मो एवं जिला पंचायत सदस्य श्रीमती सौभाग्यवती विशेष रूप से उपस्थित रहीं। दोनों अतिथियों ने बच्चों द्वारा लगाए गए सभी स्टॉलों का अवलोकन किया और उनके प्रयासों को सराहते हुए प्रोत्साहित किया। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के मेले बच्चों के सर्वांगीण विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं और बच्चों को नई सोच, नवाचार तथा आत्मनिर्भर बनने दिशा में प्रेरित करते हैं। कार्यक्रम में विद्यालयों के प्रधानपाठक तथा शिक्षकगण—अशोक सिंह लोधी, राजेश सिंह, वकील प्रसाद, आनंद कुमार गुप्ता, बहादूर राजवाड़े, श्वेता तिवारी, शिल्पी, शीतल खरे, रोशनी ओटी एवं द्राक्षलता लकड़ा सक्रिय रूप से उपस्थित थे और उन्होंने आयोजन को सफल बनाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। शिक्षकों के मार्गदर्शन में तैयार की गई सामग्रियों और गतिविधियों ने पूरे मेले को अत्यंत प्रभावी, ज्ञानवर्धक और आनंदमय बनाया। एफ.एल.एन. मेला एवं बाल मेला बच्चों की प्रतिभा, कल्पना और शिक्षा के प्रति उनकी जागरूकता को प्रदर्शित करने का सशक्त मंच साबित हुआ। मेले का समापन सभी के चेहरों पर संतोष और उत्साह की भावना के साथ हुआ।

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