बीजिंग, 01 सितम्बर।
चीन अक्टूबर से विशेष उर्वरक के निर्यात पर एक बार फिर से प्रतिबंध लगाने जा रहा है। ऐसे में कीमतें बढ़ सकती हैं, जिसका सीधा असर किसानों पर पड़ेगा। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि चीन से विशेष उर्वरक निर्यात की अस्थायी बहाली के चलते राहत मिली है, लेकिन यह राहत अल्पकालिक होगी, क्योंकि बीजिंग अगले महीने से निरीक्षण बढ़ाकर और खेप में देरी करके निर्यात नियंत्रण कड़ा करने की योजना बना रहा है।बता दें कि भारत ने सात वर्षों के अनुसंधान के बाद अपनी पहली स्वदेशी पानी में घुलनशील उर्वरक तकनीक विकसित कर ली है। यह एक ऐसी सफलता है जो देश को विशिष्ट उर्वरकों के क्षेत्र में अग्रणी बना सकती है।
घुलनशील उर्वरक उद्योग संघ (एसएफआईए) के प्रेसिडेंट राजीव चक्रवर्ती ने एक साक्षात्कार में कहा, यह एक अस्थायी समाधान है, क्योंकि चीन अक्टूबर से निर्यात बंद कर रहा है। वे इसे केवल भारत के लिए ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व बाजार के लिए बंद कर रहा है। भारत और चीन के बीच मुद्दे फिलहाल सुलझ गए हैं, लेकिन प्रतिबंधों का सिलसिला फिर से शुरू होने की आशंका है। चक्रवर्ती ने कहा, एक बार जब वे आपूर्ति रोक देते हैं या उस पर प्रतिबंध लगाना शुरू करते हैं, तो वे इसे पूरी तरह से नहीं रोकते। वे निरीक्षण लगाकर और खेपों में देरी करके इसे सीमित कर देते हैं। इसलिए यह प्रक्रिया अक्टूबर से फिर शुरू होगी। विशेष उर्वरक बनाने वाली भारतीय कंपनियां मौजूदा एक महीने के दौरान पर्याप्त आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। वैश्विक सोर्सिंग कंपनियां प्रतिबंध लागू होने से पहले अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए अतिरिक्त समय तक काम कर रही हैं।