
कोरबा। जिले के दूरस्थ ग्रामीण इलाकों में सडक़ कनेक्टिविटी बेहतर करने के प्रयास जारी हैं। प्रशासन ने बहुप्रतीक्षित चिर्रा-श्यांग सडक़ के निर्माण को मंजूरी दे दी है। बारिश के मौसम के समाप्त होते ही निर्माण कार्य प्रारंभ किया जाएगा।
करीब 12 किलोमीटर लंबी यह सडक़ वर्षों से नहीं बन सकी है, जिसके चलते आसपास के कई ग्रामों के लोगों को भारी परेशानी झेलनी पड़ती है। यह मार्ग कोरबा विकासखंड के अंतर्गत आता है और अब तक पगडंडी की स्थिति में है। सडक़ पर बड़े-बड़े पत्थर मौजूद हैं, जिससे चारपहिया वाहनों का संचालन भी कठिन हो जाता है। स्थानीय लोगों के लिए स्वास्थ्य सेवाओं की निर्भरता 50 किलोमीटर दूर करतला पर है, जबकि जिला मुख्यालय 90 किलोमीटर दूर स्थित है। सडक़ न होने के कारण उन्हें छोटी-छोटी जरूरतों के लिए भी लंबा सफर तय करना पड़ता है। कई वर्षों से निर्माण की मांग उठती रही, लेकिन केवल आश्वासन ही मिलते रहे।
अब जिला प्रशासन ने जिला खनिज न्यास निधि (ष्ठरूस्न) के माध्यम से इस सडक़ निर्माण को स्वीकृति दी है। वर्ष 2025 के बजट में इसे शामिल किया गया है और 9 करोड़ 35 लाख रुपए की प्रशासनिक एवं तकनीकी स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है।
सडक़ की पूरी मरम्मत और डामरीकरण कार्य किए जाएंगे। बारिश समाप्त होते ही काम शुरू कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा, निर्माण कार्य में गुणवत्ता का विशेष ध्यान रखा जाएगा, सर्वे की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है।
जी जांगड़े, ईई लोनिवि
पुलिस को भी मिलेगी राहत
पक्की सडक़ न होने से पुलिस को भी कई तरह की दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि क्षेत्र में अपराध की घटनाएँ नगण्य हैं, लेकिन दुर्घटना या संदिग्ध मृत्यु जैसे मामलों में घायल या मृतकों को 50 किलोमीटर दूर ले जाना पड़ता है। उन्होंने कहा कि सडक़ बनने से ऐसी परिस्थितियों में काफी सुविधा मिलेगी।
विनोद सिंह, थाना प्रभारी श्यांग