
कोरिया बैकुंठपुर। कोरिया जिले के शिवपुर चरचा नगर पालिका में भ्रष्टाचार का मामला दिनों-दिन गहराता जा रहा है। कार्यवाहक अध्यक्ष अरुण जायसवाल पर गंभीर आरोप लग रहे हैं। आरोप है कि नगर पालिका में खरीदी जाने वाली सामग्रियों में भारी अनियमितताएं हो रही हैं, जिससे न केवल जनता का धन बर्बाद हो रहा है बल्कि प्रशासन की छवि भी धूमिल हो रही है।
हाल ही में नगर पालिका द्वारा खरीदी गई ब्लिचिंग पाउडर की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो गए हैं। बताया जा रहा है कि जो ब्लिचिंग पाउडर खरीदी गई है, उसमें न तो गुणवत्ता है और न ही किसी प्रकार की सुगंध मौजूद है। आमतौर पर बाजार में उपलब्ध ब्लिचिंग पाउडर की तुलना में यह घटिया और अनुपयोगी साबित हो रही है। जनता का आरोप है कि नगर पालिका द्वारा खरीदी गई यह सामग्री सीधे-सीधे भ्रष्टाचार की ओर इशारा करती है। लोगों का कहना है कि इस खरीद में पारदर्शिता नहीं रखी गई, जिसके चलते लाखों रुपये का जनधन बर्बाद हो गया।एक ओर नगर में सफाई के लिए स्श्वष्टरु का चुना लाया जाता है, वहीं नगर पालिका की ओर से खरीदी गई ब्लिचिंग पाउडर का उपयोग किया जा रहा है। नागरिकों का कहना है कि दोनों ही सामग्रियों में कोई भी गुणवत्ता नहीं है। इससे स्पष्ट है कि चाहे स्श्वष्टरु का चुना हो या नगर पालिका की ब्लिचिंग – दोनों ही केवल औपचारिकता निभाने का साधन बन गए हैं, न कि सफाई व्यवस्था सुधारने का।
जनता खुलकर सामने आ रही है और कह रही है कि यह सीधे-सीधे जनधन की बर्बादी और भ्रष्टाचार का मामला है। नगर के नागरिकों का आरोप है कि इस तरह की घटिया खरीद से न केवल सफाई व्यवस्था प्रभावित हो रही है बल्कि स्वास्थ्य पर भी असर पड़ रहा है।नागरिकों का कहना है कि जब नगर पालिका की जिम्मेदारी है कि शहर को स्वच्छ और सुरक्षित बनाए, तब वह इस प्रकार की लापरवाही और भ्रष्टाचार में लिप्त कैसे हो सकती है। इससे नगर पालिका की नीयत पर भी सवाल उठ रहे हैं।
नागरिकों ने प्रशासन से मांग की है कि ब्लिचिंग पाउडर की खरीद की गहन जांच कराई जाए। दोषियों की पहचान कर उन पर कड़ी कार्रवाई की जाए। लोगों का कहना है कि जब तक भ्रष्ट अधिकारियों और जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों पर कार्रवाई नहीं होगी, तब तक जनता का विश्वास बहाल नहीं होगा। शिवपुर चरचा के नागरिकों ने यह भी स्पष्ट कर दिया है कि यदि समय रहते कार्रवाई नहीं की गई, तो आने वाले चुनाव में इसका खामियाजा सत्तारूढ़ दल को भुगतना पड़ेगा। जनता का गुस्सा इस हद तक है कि लोग खुले तौर पर प्रशासन और सत्ताधारी पार्टी पर सवाल उठा रहे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह उठ रहा है कि आखिर जनता के पैसों से खरीदी गई सामग्री कब तक भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ती रहेगी? लोग कह रहे हैं कि नगर पालिका में चल रहे इस खेल से केवल प्रशासन पर ही नहीं, बल्कि भाजपा की छवि पर भी आंच आ रही है। भ्रष्टाचार की यह लहर जनता में गहरी नाराजगी पैदा कर रही है। लोगों का कहना है कि यदि समय रहते दोषियों पर कार्रवाई नहीं की गई, तो आने वाले चुनाव में भाजपा को इसका सीधा नुकसान उठाना पड़ेगा। नगर पालिका शिवपुर चरचा में हो रहे इस भ्रष्टाचार का सीधा असर भाजपा की छवि पर पड़ रहा है। क्योंकि नगर पालिका की बागडोर भाजपा से जुड़े जनप्रतिनिधियों के हाथों में है, इसलिए जनता सीधे तौर पर भाजपा को जिम्मेदार मान रही है। लोगों का कहना है कि भाजपा की सरकार जब भ्रष्टाचार मुक्त शासन का दावा करती है, तब नगर पालिका स्तर पर इस तरह का भ्रष्टाचार उसकी छवि को धूमिल करता है। यदि भाजपा अपनी छवि बचाना चाहती है तो उसे तुरंत दोषियों पर कार्रवाई करनी होगी। इस पूरे मामले को लेकर विपक्षी दलों ने भी भाजपा को घेरना शुरू कर दिया है। विपक्ष का कहना है कि जब जनता का धन ही सुरक्षित नहीं है तो भाजपा किस प्रकार सुशासन का दावा कर सकती है। विपक्षी नेताओं ने कहा कि शिवपुर चरचा में भ्रष्टाचार का यह मामला भाजपा सरकार की नाकामी को दर्शाता है। जनता का कहना है कि यदि दोषियों पर शीघ्र और कठोर कार्रवाई नहीं हुई, तो आने वाले चुनाव में इसका खामियाजा भाजपा को भुगतना पड़ेगा। लोग साफ तौर पर कह रहे हैं कि वे अपने पैसों की बर्बादी और भ्रष्टाचार को बर्दाश्त नहीं करेंगे।