
नईदिल्ली 0६नवंबर ।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर दावा किया है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मई में जो शांति बनी, वह उनकी कड़ी चेतावनी के कारण ही संभव हो सकी. ट्रंप ने कहा कि उन्होंने दोनों पड़ोसी देशों को साफ संदेश दिया था. अगर वे आपसी टकराव नहीं रोकेंगे, तो अमेरिका उनसे कोई भी व्यापारिक समझौता नहीं करेगा
मियामी में आयोजित अमेरिका बिजनेस फोरम के दौरान ट्रंप ने कहा, मैं भारत और पाकिस्तान दोनों के साथ ट्रेड डील की बातचीत कर रहा था. तभी मुझे खबर मिली कि दोनों देशों के बीच युद्ध जैसी स्थिति बन गई है. सात विमान गिर चुके हैं, आठवां भी बुरी तरह क्षतिग्रस्त है. तब मैंने कहा, अगर तुम लोग लड़ाई करोगे, तो मैं किसी से व्यापार नहीं करूंगा. ट्रंप ने मजाकिया लहजे में कहा कि यह सब उनके टैरिफ नीति की वजह से हुआ. उन्होंने आगे कहा, मैंने उन्हें समझाया कि दोनों परमाणु शक्ति वाले देश हैं, युद्ध के बजाय व्यापार बेहतर है. अगले ही दिन मुझे फोन आया कि दोनों देशों ने युद्धविराम पर सहमति बना ली है. मैंने कहा- बढिय़ा, अब बिजनेस करो.यह पहला मौका नहीं है जब ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान संघर्ष में खुद को शांति-दूत बताया हो. रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्होंने पिछले छह महीनों में 60 से अधिक बार यह दावा दोहराया है कि उनकी वजह से दोनों देशों में तनाव कम हुआ. हालांकि भारत ने इस दावे को सिरे से खारिज करते हुए कहा है कि कोई तीसरा देश उसके द्विपक्षीय मामलों में शामिल नहीं है.मई से पहले भारत ने ‘ऑपरेशन सिंदूर’ चलाया था, जो जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के जवाब में था. इस मिशन के तहत पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया गया. चार दिन चली यह कार्रवाई 10 मई को समाप्त हुई, जब दोनों देशों ने संघर्षविराम का ऐलान किया.ट्रंप ने आगे कहा कि उन्होंने न सिर्फ भारत-पाकिस्तान बल्कि कई दूसरे देशों के बीच चल रहे पुराने विवाद भी खत्म कराए हैं. कोसोवो-सेर्बिया, कांगो-रवांडा, आर्मेनिया-अजरबैजान. ऐसे कई झगड़े जो दशकों से चल रहे थे, मैंने एक घंटे में सुलझा दिए. उन्होंने कहा कि अमेरिका ताकत के बल पर शांति कायम कर रहा है और अब कोई देश अमेरिका से टकराना नहीं चाहता।

























