
कोरबा । जिला कांग्रेस अध्यक्ष नत्थु लाल यादव ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि युक्तियुक्तकरण रोजगार विरोधी, शिक्षा विरोधी कदम है। इससे प्रदेश में 45000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त हो जायेंगे। 10463 स्कूल सीधे तौर पर बंद कर दिये गये है, नये सेटअप के नाम पर स्कूलों में शिक्षकों के न्यूनतम पदो की संख्या में कटौती करके शिक्षक के हजारों पद खत्म कर दिया गया है। रमन सरकार के दौरान भी प्रदेश में 3300 से अधिक स्कूलों को बंद किया गया था, 12000 शिक्षकों के पद को खत्म किया गया था। वर्तमान में छत्तीसगढ़ प्राइमरी स्कूलों में 21 छात्रों के बीच एक शिक्षक है, इस अनुपात को बढ़ाकर 30 छात्र प्रति शिक्षक और इसी तरह मीडिल स्कूलों में 26 छात्र प्रति शिक्षक के रेशियों को बढ़ाकर 35 छात्र प्रति शिक्षक किया जा रहा है । जिससे शिक्षकों के एक तिहाई पद खत्म हो जाएंगे ।
जिला कांग्रेस ग्रामीण अध्यक्ष मनोज चैहान ने कहा कि शिक्षकों की नई भर्तियां न करनी पड़े इसलिए साय सरकार शिक्षकों का युक्तियुक्तकरण कर रही है । सरकार शिक्षा व्यवस्था को चैपट करने साय सरकार ने षडयंत्र रचा है । शिक्षकों के पास मध्यान्ह भोजन की व्यवस्था डाक का जवाब और अन्य गैर शिक्षकीय कार्यों की जिम्मेदारी भी रहती है ।
पूर्व महापौर राजकिशोर प्रसाद ने कहा कि स्कूलों को जबरिया बंद किए जाने से न केवल शिक्षक बल्कि उन 10463 स्कूलों से संलग्न हजारों रसोईया, मध्यान्ह भोजन बनाने वाली महिला, स्वसहायता समूह की बहनों के समक्ष जीवन यापन का संकट उत्पन्न हो गया है। नए सेटअप के तहत सभी स्तर प्राइमरी, मिडिल, हाईस्कूल और हायर सेकेण्डरी स्कूलों में शिक्षकों के न्यूनतम पदों में कटौती के चलते युवाओं के लिए नियमित शिक्षक के पद पर नई भर्ती के अवसर भी कम हो जाएंगे, शिक्षा के स्तर पर बुरा असर पडऩा निश्चित है। सरकार के इस शिक्षा विरोधी फैसले के खिलाफ पूरे प्रदेश में आक्रोश है। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ही प्रदेश में 58000 से अधिक शिक्षकों के पद रिक्त हैं, हर महीने सैकड़ो शिक्षक रिटायर हो रहे हैं, कई वर्षों से शिक्षकों का प्रमोशन रुका हुआ है, स्थानांतरण को लेकर कोई ठोस पॉलिसी बना नहीं पाए । पूर्व सभापति श्याम सुंदर सोनी ने कहा कि भाजपा सरकार 10 हजार से अधिक स्कूलों को बंद करने जा रही तथा 45000 से अधिक शिक्षकों के पद समाप्त कर रही है। सरकार के इस निर्णय से प्रदेश के दूरस्थ क्षेत्रों विशेषकर बस्तर, सरगुजा, जशपुर जैसे जगहों पर स्कूलों की कमी होगी, सरकार झूठ बोल रही कि स्कूल बंद नहीं होंगे, जबकि सच्चाई यह है कि मर्ज किये गये स्कूलों का डाइस कोड़ विलोपित कर दिया गया है। भाजपा ने विधानसभा चुनावों में दावा किया था राज्य में 58000 शिक्षकों के पद खाली है। जिसे भरे जायेंगे, इस वर्ष बजट में भी 20000 शिक्षकों की भर्ती की बात की गयी है लेकिन यह भर्तियां नहीं करनी पड़े, इसलिये 45000 पद समाप्त किये जा रहे है। जब पद ही खाली नही रहेंगे तो भर्ती कहां से करेंगे। युक्तियुक्तकरण शिक्षा विरोधी, रोजगार विरोधी कदम है। कांग्रेस इसके खिलाफ जमीनी लड़ाई लड़ेगी अब सभी जिलों एवं ब्लाकों में शीघ्र ही आंदोलन चलाएंगे।