बीमा कंपनी को आयोग ने 19.92 लाख भुगतान का दिया आदेश जांजगीर-

चांपा। जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग जांजगीर-चांपा ने एक महत्वपूर्ण निर्णय देते हुए बीमा अवधि के दौरान मृत्यु होने पर बीमा राशि देने से इनकार करने वाली बीमा कंपनी को दोषी ठहराया है। आयोग ने टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को उपभोक्ता को शेष बीमा राशि 19,92,510 रुपये, मुकदमे का खर्च 5 हजार रुपये तथा मानसिक क्षतिपूर्ति के रूप में 20 हजार रुपये अदा करने का आदेश दिया है।
पिता सम्मेलाल, निवासी वार्ड क्रमांक 6 नया बाराद्वार, जिला सक्ती की पत्नी रंम्बीका यादव ने अपने जीवनकाल में टाटा एआईए लाइफ इंश्योरेंस कंपनी से * संपूर्ण रक्षक बीमा पॉलिसी ली थी। यह पॉलिसी 23 अगस्त 2022 से 23 अगस्त 2023 तक वैध थी, जिसमें अनिल कुमार यादव नामिनी थे। बीमाधारक द्वारा 8,838 रुपये का प्रीमियम जमा किया गया था।
बीमाधारक रम्बीका यादव की 27 जनवरी 2023 को सीने में दर्द के कारण मृत्यु हो गई। इसके बाद नामिनी द्वारा बीमा दावा प्रस्तुत किया गया, लेकिन बीमा कंपनी ने 5 अगस्त 2024 को यह कहते हुए दावा निरस्त कर दिया कि बीमाधारक ने अपने चिकित्सा इतिहास को छिपाया था तथा बीमा लेने से पूर्व गर्भाशय संबंधी बीमारी से पीडि़त थी। कंपनी ने केवल 7,490 रुपये प्रीमियम राशि वापस कर शेष बीमा सशि देने से इंकार कर दिया।
बीमा कंपनी के इस निर्णय से आहत होकर शिकायतकर्ता ने जिला -उपभोक्ता आयोग जांजगीर-चांपा में परिवाद प्रस्तुत किया। आयोग के अध्यक्ष प्रशांत कुंडू, सदस्य विशाल तिवारी एवं सदस्य महिमा सिंह ने दोनों पक्षों द्वारा प्रस्तुत शपथ पत्र, दस्तावेजों एवं तर्कों का गहन परीक्षण किया। आयोग ने पाया कि बीमाधारक ने बीमा लेते समय कोई गलत जानकारी नहीं दी थी और वह पूर्व में किसी बीमारी से ग्रसित नहीं थी।
आयोग ने यह निष्कर्ष निकाला कि बीमा कंपनी द्वारा बिना उचित कारण के बीमा राशि देने से इंकार करना सेवा में कमी एवं अनुचित व्यापारिक व्यवहार की श्रेणी में आता है। अत: आयोग ने बीमा कंपनी को वापस की गई प्रीमियम राशि 7,490 रुपये घटाकर शेष 19,92,510 रुपये, 5 हजार रुपये मुकदमा खर्च एवं 20 हजार रुपये मानसिक क्षतिपूर्ति 45 दिनों के भीतर अदा करने का आदेश दिया है। निर्धारित अवधि में भुगतान नहीं होने पर आदेश दिनांक से भुगतान की तिथि तक 7 प्रतिशत वार्षिक ब्याज भी देय होगा।

RO No. 13467/9