
जांजगीर-चांपा। शासकीय, अशासकीय विद्यालय और महाविद्यालयों में विगत वर्ष की भांति इस वर्ष भी गौ विज्ञान परीक्षा 4 नवम्बर को आयोजित की जावेगी। लगभग 10 हजार विद्यालयों एवं 1000 उच्च शिक्षण, संस्थानो तक पहुंचने का लक्ष्य रखा गया है। गौसेवा के साथ-साथ घर, घर किचन गार्डन के निर्माण पर भी इस वर्ष इस अभियान में फोकस रहेगा। गौवंश न सिर्फ धार्मिक दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण है अपितु उसका पर्याप्त वैज्ञानिक आधार भी है। हमारे स्वस्थ एवं सुखमय जीवन के लिए गौवंश अत्यंत आवश्यक है। यदि गोवंश नहीं रहेगा तो सृष्टि भी समाप्त हो जाएगी। गौवंश का हमारे जीवन में महत्व ना जान पाने के कारण समाज, गौसेवा एवं गौपालन से विमुख हो रहा है, जिसके कारण गौवंश सडक़ों पर आ गया है। प्रतिदिन दुर्घटनाएं घट रही है जिसमें गौवंश के साथ-साथ इंसानों की भी क्षति हो रही है। हमारा स्पष्ट मानना है कि गौवंश की चिंता सरकार के साथ-साथ समाज को भी करने की आवश्यकता है। विगत वर्ष भी सफलतापूर्वक आयोजन किया गया जिसमें पूरे प्रदेश से एक लाख से अधिक प्रतिभागी सम्मिलित हुए। इस वर्ष पुन: आगामी 4 नवंबर को यह परीक्षा पूरे प्रदेश में एक साथ आयोजित की जाएगी।शासकीय, अशासकीय विद्यालय और महाविद्यालयों में 4 नवम्बर को आयोजित होगी गौ विज्ञान परीक्षा माध्यमिक, उच्च माध्यमिक एवं महाविद्यालय इन तीन श्रेणी में आयोजित होने वाली परीक्षा में प्रदेश स्तर पर प्रथम आने वाले प्रत्येक विजेता को 51 हजार नगद, द्वितीय को 31 हजार एवं तृतीय को 11 हजार पुरस्कार एवं गौमय उत्पाद का किट प्रदान किया जाएगा। इसी प्रकार जिला स्तर पर क्रमश: प्रथम द्वितीय, तृतीय आने वालों को 3100 2100, 1100 नगद एवं गौ उत्पाद कीट प्रदान किया जाएगा। भाग लेने वाले सभी प्रतिभागियों को संस्था द्वारा गौ विज्ञान ग्रंथ एवं प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा।
इच्छुक विद्यार्थी परीक्षा में पंजीयन हेतु अपनी संस्था के प्राचार्य,गौ विज्ञान प्रभारी से संपर्क कर सकते हैं। परीक्षा के प्रारंभिक चरण में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गौ विज्ञान परीक्षा के पोस्टर का विमोचन किया। इस अवसर पर सुबोध राठी परीक्षा प्रांत प्रमुख, ईरन्ना सपारे प्रांत संयोजक, मनोज पाण्डेय परीक्षा प्रांत उप प्रमुख, डॉ अमित पाण्डेय, अश्वनी कुमार चौधरी, श्रीमती लालिमा जायसवाल, दुलार सिंह सिन्हा, चंद्र प्रकाश अग्रवाल, डॉ गजेंद्र तिवारी, देवेंद्र गवेल, कृष्ण चंद्र प्रधान, मुकेश कुमार साहू, योगेश्वर प्रसाद यादव, अरुणाचल कौशल, गुरमीत सिंह, सुभाष कुमार साहू, रेमन नांद्रे, रमनलाल साहू, रत्नाकर खटीक, शंभू दास महंत उपस्थित थे।