सात साल से अंत्यावसायी वित्त विभाग में बजट का रोना

जांजगीर-चांपा। जिले के अंत्यावसायी वित्त विभाग में पिछले 7 सालों से बजट की समस्या बनी हुई है, जिसके कारण बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार करने के लिए लोन नहीं मिल पा रहा है। ऐसे में युवाओ को आत्मनिर्भर बनाने का सपना पूरा होता नजर तक नहीं आ रहा है।
गौरतलब है कि जिला मुख्यालय जांजगीर के एसबीआई मुख्य ब्रांच के पास अंत्यावसायी वित्त विभाग का संचालन किया जा रहा है। विभाग में आवेदन जमा करने के बाद बैंक के माध्यम से बेरोजगार युवाओ को लोन दिया जाना रहता है, लेकिन विभाग मे पिछले 7 सालो से बजट की समस्या बनी हुई है, जिसके चलते बेरोजगार युवाओं को स्वरोजगार करने के लिए बैंकों के माध्यम से लोन नही मिल पा रहा है। योजना के तहत अनुसुचित जाति वर्ग के युवाओ को स्वरोजगार से जोडने को लेकर ट्रैक्टर ट्राली, डीजल आटो संचालन को लेकर लोन देना रहता है। इसी प्रकार अनुसुचित जनजाति वर्ग के युवाओ के लिए शिक्षा लोन, कपडा दुकान संचालन, फोटो कापी, अल्पसंख्यक वर्ग के लिए आटो रिक्शा संचालन, लघु ब्यवसाय, महिला समृद्धि, श्रृंगार सामान, ब्यूटी पार्लर सहित अन्य तरह के व्यवसाय को लेकर बेरोजगार युवक एवं महिलाओं को लोन दिया जाना रहता है। वहीं लोन लेने को लेकर 5 सालों के भीतर 3 हजार से भी अधिक युवा बेरोजगारों ने आवेदन जमा तो कर दिए, लेकिन बजट की समस्या के चलते युवाओं को स्वरोजगार करने के लिए लोन नहीं मिल पा रहा है। जांजगीर चाम्पा जिले में बेरोजगार युवाओं की संख्या 1 लाख से भी अधिक है। कई युवा पढाई लिखाई करने के बार स्वयं से आत्मनिर्भर बनने के उदेश्य से लोन पाने की तलाश में आवेदन भी विभाग में दे चुके है, लेकिन आवेदन जमा करने के बाद भी उन्हें लोन पाने के लिए लंबा इंतजार भी करना पड़ जा रहा है। विभिन्न योजनाओं के तहत बेरोजगार युवाओं को करीब 1 से 10 लाख रूपए तक के लोन देने की कार्ययोजना शासन स्तर से बनाई गई है। वहीं बजट समस्या के चलते कार्य आगे नहीं बढ़ पा रहा है। जिले के पामगढ़, नवागढ़, बलौदा, अकलतरा एवं बम्हनीडीह क्षेत्र मे बेरोजगार युवाओं की कमी नहीं है। उन्हे स्वरोजगार करने बैंको के माध्यम से लोन नहीं मिल पा रहा है।
4 करोड़ रुपए की करनी है वसूली
जिला अंत्यावसायी वित्त विभाग को बैंक के माध्यम से लोन लेने वाले बेरोजगार युवाओं से करीब 4 करोड़ रूपए का लोन वसूल किया जाना है. लेकिन विभागीय उदासीनता के चलते पूर्व में दिए गए लोन की वसूली नहीं हो पा रही है। कई बेरोजगार युवा स्वयं से कार्य करने को लेकर लोन तो ले लेते है, लेकिन जब लोन की राशि जमा करने की बारी है तो विभाग के अफसर जब राशि लेने के लिए पहुंचते है तो लोग लेने वाले कई लोग मौके से नदारद भी रहते है। ऐसे में इन पर किसी तरह की कोई कार्यवाही नहीं हो पाने के चलते उनके हौसले भी लगातार बुलंद होते चले जा रहे है। वहीं लंबे समय से बजट समस्या के कारण विभागीय कामकाज महज फाइल निपटाने तक ही सिमटकर रह गया है। इसके अलावा बजट समस्या के चलते विभाग में पूर्व से संचालित काई योजना बंद होने के कगार पर आ चुका है जिसका नुकसान सीधे तौर पर बेरोजगार युवाओं को हो रहा है, जो लोन लेकर अपने स्वयं का व्यवसाय करना चाहते है।
भेजी जाती है जानकारी
विभाग एवं बैंक के सहयोग से बेरोजगार युवाओं को आवेदन एवं पात्रता के आधार पर लोन दिया जाना रहता है। बजट समस्या के कारण उन्हें लोन नहीं मिल पा रहा है। बजट आबटन को लेकर जानकारी भेजी गई है।
-संदीप शुक्ला
, सीईओ अंत्यावसायी वित्त विभाग जांजगीर-चांपा

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