ओडिशा में हुई भारी बारिश एक की मौत, कई ट्रेनें रद

भुवनेश्वर, २९ अक्टूबर ।
गंभीर चक्रवात मोंथा ने कल देर रात आंध्र प्रदेश के तट पर नरसापुर के पास (काकीनाडा के दक्षिण में) मछलीपट्टनम और कलिंगपट्टनम के बीच लैंडफॉल किया। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, लैंडफॉल की प्रक्रिया रात 11.30 बजे शुरू हुई और सुबह 4.30 बजे तक चली यानी लगभग पांच घंटे तक। लैंडफॉल के दौरान हवाओं की रफ्तार 90 से 100 किलोमीटर प्रति घंटा रही, जबकि कुछ झटका पवन की गति 110 किलोमीटर प्रति घंटा तक दर्ज की गई। तेज हवाओं के साथ भारी बारिश ने कई तटीय क्षेत्रों जैसे मछलीपट्टनम, काकीनाडा, राजमुंदरी, बापटल, कवाली, उलवापाडु और नेल्लोर को प्रभावित किया। समुद्र में ऊंची लहरें उठीं और कई जगहों पर पानी तट से आगे बढ़ गया। मौसम विभाग के अधिकारियों ने पुष्टि किया है कि मोंथा ने काकीनाडा के दक्षिण में तट पार किया, जबकि पहले यह अनुमान लगाया गया था कि यह काकीनाडा के पास लैंडफॉल करेगा।
तूफान अब आंध्र प्रदेश के अंदरूनी इलाकों की ओर बढ़ चुका है और वहां पर भारी वर्षा हो रही है।तूफान की तीव्रता के बावजूद, उम्मीद से कम तबाही हुई है। फिलहाल किसी बड़े नुकसान की खबर नहीं हालांकि, प्रशासन सतर्क है क्योंकि अगले दो दिनों तक आंध्र प्रदेश के तटीय जिलों में भारी बारिश जारी रहने की संभावना है।
ओडिशा पर इस चक्रवात का असर सीमित रहा। लैंडफॉल के बाद तूफान की दिशा बदल जाने से राज्य के लोगों बड़ी राहत मिली है। फिर भी, दक्षिणी ओडिशा के जि़ले मालकानगिरी, कोरापुट, रायगड़ा, गजपति और गंजाम में मध्यम से भारी वर्षा दर्ज की गई है। कुछ पहाड़ी इलाकों में लगातार बारिश के कारण भूस्खलन हुआ और गजपति व मालकानगिरी के कई हिस्सों में पेड़ उखड़ गए। दोनों राज्यों में प्रशासन स्थिति पर नजऱ बनाए हुए है क्योंकि मोंथा अब उत्तर-पश्चिम दिशा में अंदरूनी इलाकों की ओर बढ़ते हुए धीरे-धीरे कमजोर हो रहा है।

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