
कोरबा। कोरबा जिले के करतला पुलिस थाना क्षेत्र अंतर्गत एक दिन पहले हुई घटना में मानसिक रूप से बीमार व्यक्ति की मौत हो गई। उसे हाथी ने अपनी चपेट में लिया था। मृतक के बारे में पता चला है कि वह बलरामपुर रामानुजगंज जिले का निवासी था। सूचना प्राप्त होने पर वहां की पुलिस और परिजन करतला आ रहे है।
करतला पुलिस थाना प्रभारी कृष्ण कुमार वर्मा ने बताया कि घटना से लेकर उसके बाद तक इसी प्रकार की सूचना थी कि मृतक अज्ञात है। थाना क्षेत्र के फॉरेस्ट एरिया में हुई घटना में विचरण कर रहे हाथी ने एक व्यक्ति को अपनी चपेट में लिया और कुचल दिया। घटनाक्रम और उसके बाद की कुछ तस्वीरें अलग-अलग सूचना माध्यम में प्रसारित की गई। इस दौरान बलरामपुर से पुलिस के पास फोन कॉल आया जिसमें बताया गया कि मृतक इस जिले का निवासी था और कुछ समय से उसके मानसिक दशा ठीक नहीं थी। मृतक के बारे में संबंधित जानकारी उपलब्ध कराई गई है और अगली प्रक्रियाओं के लिए बलरामपुर पुलिस मृतक के परिजनों के साथ करतला के लिए रवाना हुई है। उनके आने पर मृतक का पंचनामा सहित अन्य कार्रवाई की जाएगी।
बोतली में धान को रौंदने के बाद हाथियों का दल लौटा छाल
वनमंडल कोरबा के करतला रेंज के रामपुर सर्किल में सक्रिय 52 हाथियों का दल बीती रात बोतली गांव में डेढ़ दर्जन ग्रामीणों के धान की फसल को रौंदने तथा तहस-नहस करने के बाद अब छाल रेंज का रूख कर लिया है। हाथियों के दल को आज सुबह यहां के जंगल में देखा गया और संबंधित अमले को सूचना दी गई, जिस पर हाथियों की निगरानी बढ़ा दी गई है। वन विभाग के अधिकारियों के मुताबिक रात्रि 8 बजे के बाद मूव्हमेंट किया और बोतली गांव होते हुए सुबह होने से पहले छाल रेंज पहुंच गया। हाथियों के अन्यत्र जाने से विभाग तथा क्षेत्र के ग्रामीणों ने राहत की सांस ली है। इससे पहले हाथियों ने अपनी मौजूदगी के दौरान क्षेत्र में लगातार उत्पात मचाकर ग्रामीणों तथा वन विभाग के नाकों में दम कर दिया था। इस बीच कटघोरा वनमंडल के पसान रेंज में भी हाथियों का उत्पात जारी है। 54 की संख्या में यहां के सेमरहा बीट में घूम रहे हाथियों के दल ने बीती रात एक बार फिर हरदेवा गांव में ग्रामीणों के खेतों में पहुंचकर जमकर उत्पात मचाया और और वहां लगे धान की फसल को रौंदने के साथ तहस-नहस कर दिया। हाथियों के इस उत्पात से 21 ग्रामीण प्रभावित हुए हैं जिनकी फसल बर्बाद हो गई है।
ऐसे मामलों में 6 लाख की सहायता का प्रावधान
जंगली जानवरों के द्वारा हमले किए जाने के मामले में किसी व्यक्ति के घायल होने और उसकी मृत्यु होने को लेकर वन विभाग क्षतिपूर्ति भी देता है। हाथी से हमले में होने वाली मौत को लेकर पिछले वर्षों तक चार लाख रुपए की राशि पीडि़त परिवार को दी जाती थी। बाद में इसकी समीक्षा की गई और फिर पुनरीक्षण के आधार पर प्रभावित परिवारों को 6 लाख रुपए की सहायता दी जा रही है। जबकि अन्य मामलों में राहत राशि का यह आंकड़ा चार लाख रूपए है। वही ऐसी किसी घटना में लोगों के घायल होने पर वन विभाग की जिम्मेदारी है कि वह अंतिम रूप से स्वस्थ होने तक उपचार कराए और इसका पूरा खर्च वहन करें।



















