
नईदिल्ली, २१ मार्च ।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने नवी मुंबई के एक टूर ऑपरेटर का नाम एक मामले से हटाने के लिए हवाला ऑपरेटरों के जरिए 2.5 लाख रुपये की रिश्वत लेने के आरोप में दिल्ली पुलिस के एक सब-इंस्पेक्टर को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने गुरुवार को यह जानकारी दी। जांच एजेंसी ने यहां रोहिणी के साइबर पुलिस स्टेशन में तैनात राहुल मलिक को मुंबई, तमिलनाडु के इरोड और दिल्ली स्थित कई हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से कारोबारी से मांगे गए कुल 14 लाख रुपये में से 2.5 लाख रुपये की किस्त स्वीकार करने के आरोप में गिरफ्तार किया। कारोबारी ने मलिक के खिलाफ शिकायत लेकर सीबीआई का दरवाजा खटखटाया था।शख्स ने कहा कि उसका कैश मैनेजमेंट सिस्टम से जुड़ी एक निजी कंपनी के साथ कारोबारी संबंध है, लेकिन बाद में उसे पता चला कि उसे दिए गए वर्चुअल वॉलेट के लिए लॉगिन क्रेडेंशियल फर्जी नाम से बनाए गए थे। सीबीआई प्रवक्ता ने एक बयान में कहा, निजी कंपनी से जुड़ा मामला साइबर पुलिस स्टेशन, रोहिणी, दिल्ली में दर्ज एफआईआर में जांच के दायरे में था।
बयान में कहा गया है कि मामले की जांच कर रहे मलिक ने कथित तौर पर व्यवसायी के साले को नोटिस जारी किया था, जो जांच में शामिल हुए और जब वे जांच के लिए उनके सामने पेश हुए, तो आरोपी ने उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी। बयान में कहा गया है, यह भी आरोप लगाया गया है कि 7 मार्च 2025 को मामले के आरोपी एसआई/आईओ (मलिक) नवी मुंबई में शिकायतकर्ता के घर गए और मामले से उनका और उनके साले का नाम हटाने के लिए 50 लाख रुपये की रिश्वत मांगी, नहीं तो उन्हें गिरफ्तार करने की धमकी दी।”अगले दिन मलिक ने व्यवसायी को मुंबई के घोड़बंदर रोड स्थित एक होटल में मिलने के लिए बुलाया, जहां उसने कथित तौर पर अपने मोबाइल पर 16 लाख रुपये की राशि टाइप करके रिश्वत मांगी और भुगतान न करने पर परिणाम देखने की धमकी दी। जब कारोबारी अपने वकील के साथ रोहिणी पुलिस स्टेशन गया तो धमकियां जारी रहीं। बातचीत के बाद मलिक 14 लाख रुपये की रिश्वत लेने के लिए तैयार हो गया। उसने कथित तौर पर मुंबई में एक हवाला ऑपरेटर का नंबर और हवाला टोकन नंबर का विवरण दिया, जिस पर कथित रिश्वत का भुगतान किया जाना था। सीबीआई के बयान में कहा गया है, इसके अनुसार, 19 मार्च, 2025 को सीबीआई द्वारा एक ट्रैप डाला गया, जिसमें हवाला ऑपरेटर ने मुंबई, इरोड (तमिलनाडु) और नई दिल्ली में स्थित कई हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से रिश्वत के भुगतान के रूप में लोक सेवकों की ओर से मुंबई में 2.5 लाख रुपये की रिश्वत स्वीकार की। मलिक को जांच का सामना करने के लिए मुंबई ले जाया जाएगा।


































