
सक्ती। समीपस्थ ग्राम सकरेली कला में सात दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा के पांचवें दिन कृष्ण बाल लीला और माखन चोरी की कथा विस्तार से सुनाई गई। निकटवर्ती गांव सकरेलीकला में सप्त दिवसीय श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन किया जा रहा है। इसके लिए ग्राम के स्कूल चौक के पास विशाल पंडाल बनाया है, जहां आसपास के गांवों से विशाल जनसमूह ज्ञान यज्ञ में शामिल होकर भागवत कथा का रसपान कर रहे हैं। सकरेली कलां की पहचान धार्मिक ग्राम के रूप है, जहां हमेशा धार्मिक आयोजन होते रहते हैं। व्यास पीठ पर पं. मनोज तिवारी विराजमान हैं। पांचवें दिन बाल लीला और पूतना वध कर उनके उद्धार की कथा सुनाई। बच्चों की कृष्ण टोली की आकर्षक झांकी ने सबका मन मोह लिया। सहज-सरल भाषा में कथा सुनकर श्रोता भाव-विभोर होकर भक्ति मय वातावरण कथा का रसपान करते रहे। इससे पूर्व दिवस में कृष्ण जन्मोत्सव की कथा ने श्रोताओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। भव्य झांकी में नंद बाबा आधी रात को तूफानी प्रतिकूल मौसम में बाल कृष्ण को कारागार से निकाल कर सुरक्षित स्थल में ले गए। भव्य आकर्षक झांकी में बाल कृष्ण की श्रोताओं ने आरती उतारी। पं. मनोज तिवारी ने बताया कि कृष्ण ने कंस का वध कर मानव को परम सुख प्रदान किए हैं। सकरेली कलां में 17 नवंबर से भागवत कथा निरंतर जारी है, जो 25 नवंबर तक चलेगा।






















