हिन्दू धर्म में दीवाली पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है। धनतेरस का त्योहार हर साल कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की त्रयोदयशी तिथि को मनाते हैं। धनतेरस को प्रदोष काल में माता लक्ष्मी और धन के देवता कुबेर की पूजा की जाती है। इस दिन सोना, चांदी, बर्तन और नई वस्तुएं खरीदना बहुत शुभ होता है तो आइए हम आपको धनतेरस पर्व का महत्व एवं पूजा विधि के बारे में बताते हैं।
जानें धनतेरस के बारे में
पंचदिवसीय त्योहार दीवाली जल्द ही शुरू होने वाला है, जिसका आरंभ धनतेरस से होता है। वहीं, भाई दूज के साथ इसका समापन होता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि, माता लक्ष्मी और कुबेर देवता की विधि-विधान से पूजा की जाती है। धनतेरस के दिन खरीदारी करने का भी विशेष महत्व होता है। इस दिन भगवान धन्वंतरि की पूजा करने से अरोग्य की प्राप्ति होती है और जीवन में सुख-समृद्धि आती है।
शुभ मुहूर्त -पंडितों के अनुसार 18 अक्टूबर, शनिवार के दिन त्रयोदशी तिथि का आरंभ दोपहर में 12 बजकर 20 मिनट से होगा। वहीं, 19 अक्टूबर, रविवार को दोपहर के 1 बजकर 52 मिनट पर त्रयोदशी तिथि समाप्त होगी। शास्त्रों के अनुसार, जिस दिन प्रदोष काल में कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि लगती है। उसी दिन धनतेरस का त्योहार मनाने की परंपरा है। ऐसे में 18 अक्टूबर के दिन यह त्योहार मनाया जाएगा। वहीं, 19 अक्टूबर को भी त्रयोदशी तिथि व्याप्त हो रही है। ऐसे में जो लोग 18 तारीख को खरीदारी न कर पाएं वे 19 तारीख को दोपहर के 1 बजकर 52 मिनट पर भी खरीदारी कर सकते हैं। यानी इस बार आप धनतेरस 18 और 19 अक्टूबर दो दिन मना सकते हैं।
धनतेरस का महत्व है खास
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार कार्तिक मास की त्रयोदशी तिथि के दिन समुद्र मंथन के वक्त धन्वंतरिजी अमृत कलश लेकर प्रकट हुए थे। इसी के चलते इस तारीख को धनतेरस या धनत्रयोदशी के नाम से भी जाना जाता है। इसी कारण इस तिथि पर बर्तन खरीदने की परंपरा चली आ रही है। शास्त्रों के अनुसार, भगवान धन्वंतरि विष्णुजी के अंशावतार हैं। ऐसे में धनतेरस के दिन धन्वंतरि भगवान, विष्णुजी, माता लक्ष्मी, कुबेर देवता और यमराज की पूजा करने का महत्व होता है। धनतेरस के दिन बर्तन, चांदी, सोना, झाड़ू आदि खरीदना बेहद शुभ माना गया है। इस दिन खरीदारी करने से धन में 13 गुना वृद्धि हो सकती है।
धनतेरस पर इन मंत्रों से करें पूजा, होगा लाभ
ऊं धन्वतराये नम:।।
ऊं नमो भगवते महासुदर्शनाय वासुदेवाय धन्वंतराये
अमृतकलश हस्ताय सर्व भयविनाशाय सर्व रोगनिवारणाय
त्रिलोकपथाय त्रिलोकनाथाय श्री महाविष्णुस्वरूप
श्री धनवंतरी स्वरूप श्री श्री श्री औषधचक्र नारायणाय नम:॥
धनतेरस पर ऐसे करें पूजा , होंगे लाभन्वित
पंडितों के अनुसार धनतेरस का त्योहार खास होता है इसलिए इस दिन घर में विशेष पूजा करें, इसके लिए घर और पूजा स्थल को अच्छी तरह साफ करें। घर में रंगोली बनाएं और दीपक जलाएं। पूजा स्थान पर भगवान धन्वंतरि, देवी लक्ष्मी, भगवान कुबेर और गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करें। हाथ में जल लेकर पूजा का संकल्प लें। सबसे पहले गणेश जी का पूजन करें। फिर देवी लक्ष्मी, कुबेर जी और धन्वंतरि जी को फल, फूल, मिठाई, हल्दी, कुमकुम और अक्षत अर्पित करें। इस दिन खरीदी गई नई वस्तु को भी पूजा में रखें और उनकी पूजा करें। अंत में आरती करके शंखनाद करें। शाम के समय घर के मुख्य द्वार पर, दक्षिण दिशा की ओर मुख करके, सरसों के तेल का चार मुख वाला यम दीपक जलाएं। अपने घर के कोने-कोने को रोशन करें।
धनतेरस पर खरीदें ये सामान, मिलेगा लाभ
1. धनतेरस पर झाड़ू खरीदना बेहद शुभ माना जाता है। झाड़ू को मां लक्ष्मी का प्रतीक कहा गया है, क्योंकि यह घर की नकारात्मकता और दरिद्रता को दूर करती है, इस दिन नई झाड़ू लाने से घर में शुद्धता, समृद्धि और शांति बनी रहती है।
धनतेरस के दिन लक्ष्मी चरण घर में लाना बहुत ही शुभ होता है। पंडितों के अनुसार लक्ष्मी चरण घर में आने से पैसों की कमी नहीं रहती और मां लक्ष्मी का स्थायी वास होता है।
धनतेरस पर मिट्टी की बनी लक्ष्मी-गणेश प्रतिमा खरीदना अत्यंत मंगलकारी माना गया है, यह प्रतिमाएं घर में सुख-समृद्धि का वास करती और दीवाली पूजा में इनकी स्थापना से सभी बाधाएं दूर होती हैं।
4. धनतेरस पर साबुत धनिया खरीदना भी शुभ माना गया है। चाहें तो आप मात्र 5 रुपये का धनिया बीज भी ला सकते हैं। शास्त्रों के अनुसार इसे पूजा घर में रखने से आर्थिक तंगी दूर होती है। दीवाली की पूजा के दिन इन बीजों को मां लक्ष्मी को चढ़ाने से धन वृद्धि के योग बनते हैं।
5. धनतेरस पर धातु खरीदने की परंपरा है, लेकिन लोहे से बनी वस्तुएं खरीदना अशुभ माना जाता है। स्टील भी लोहे का ही एक रूप है, इसलिए स्टील के बर्तन या अन्य सामान खरीदने से भी बचना चाहिए। पंडितों के अनुसार लोहा शनि का कारक होता है, और धनतेरस के दिन इसकी खरीदारी से जीवन में अशुभता आती है।
6. कांच का संबंध राहु ग्रह से माना जाता है, इसलिए धनतेरस के शुभ दिन पर शीशे से बनी कोई भी वस्तु नहीं खरीदनी चाहिए। शीशा अस्थिरता का भी प्रतीक है। इसलिए इस मौके पर कांच के बर्तन, आईने या सजावटी सामान खरीदने से बचें, क्योंकि यह घर में नकारात्मक ऊर्जा ला सकता है।
7. इस शुभ दिन पर चाकू, कैंची, पिन, सुई या किसी भी प्रकार की धारदार या नुकीली चीजें खरीदना अशुभ माना जाता है। पंडितों के अनुसार नुकीली वस्तुएं घर में दुर्भाग्य और नकारात्मकता को बढ़ाती हैं, और ये समृद्धि के प्रवाह को काट देती हैं।
8. धनतेरस पर बर्तन खरीदना बहुत शुभ होता है, लेकिन ध्यान रहे कि घर लाते समय वह बर्तन खाली न हो। कहते हैं कि खाली बर्तन घर में खालीपन का संकेत देते हैं। इसलिए आप कोई नया बर्तन खरीदते हैं, तो उसे घर लाने से पहले चावल, दाल या पानी से भरकर ही लाएं। भरा हुआ बर्तन सुख-समृद्धि का प्रतीक होता है।
9. काले रंग को हिंदू धर्म में अशुभता का प्रतीक माना जाता है। ऐसे में धनतेरस के दिन काले रंग के कपड़े खरीदने से बचें।
10. पंडितों के अनुसार धनतेरस के दिन तेल और घी खरीदना शुभ नहीं होता है। अगर आपको इनकी जरूरत है, तो एक दिन पहले ही इनकी खरीदारी कर लें। इस दिन इन्हें खरीदने से घर में आर्थिक तंगी आ सकती है।
धनतेरस पर ऐसे जलाएं दीए
धनतेरस के दिन दीपदान करने की परंपरा बहुत महत्वपूर्ण मानी जाती है। पंडितों के अनुसार इस दिन घर के अंदर और बाहर दीया जलाने से पूरे साल सुख-समृद्धि और सौभाग्य बना रहता है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, धनतेरस पर कुल 13 दीयों का विशेष महत्व है जिन्हें जलाना चाहिए। यम देवता के लिए एक दीया दक्षिण दिशा में जलाना चाहिए। माता लक्ष्मी के लिए भी एक दीया जलाना आवश्यक है। मुख्य द्वार के दोनों तरफ दो दीये जलाएं। तुलसी के लिए एक दीया, छत पर एक दीया, बाकी के दीये पवित्र स्थान जैसे पीपल के नीचे या मंदिर में जलाएं।