
कोरबा। शहर में सरकारी जमीनों पर कब्जा जमाने का सिलसिला लगातार बढ़ता जा रहा है। नगर निगम, सीएसईबी और राजस्व विभाग की खाली पड़ी जमीनों पर कब्जे की होड़ मची हुई है। अब यह अवैध कब्जे का खेल कोरबा के प्रमुख क्षेत्र कुआंभट्टा तक पहुँच गया है, जहां सडक़ के दोनों ओर की जमीन पर लगातार अवैध निर्माण और अतिक्रमण किए जा रहे हैं।
ऐसा प्रतीत होता है कि या तो इन पर रोक लगाने वाला कोई अधिकृत अधिकारी नहीं है, या फिर संबंधित विभागों की इस दिशा में कोई रुचि नहीं रह गई है।छत्तीसगढ़ स्टेट पावर जनरेशन कंपनी ने अपनी जमीन की सुरक्षा के लिए एक हिस्से में विद्युत उपकेंद्र का निर्माण कराया था और बाकी भूमि के चारों ओर मारपीट वायर लगाकर सुरक्षा घेरे की व्यवस्था की थी। लेकिन अवैध कब्जाधारियों ने इस सुरक्षा घेरे को तोडक़र उसे नष्ट कर दिया और जमीन पर अतिक्रमण कर अपने ठेले, गुमटी और दुकानें स्थापित कर लीं।इस क्षेत्र की खाली जमीन पर अब गमले बेचने वाले, टायर मरम्मत की दुकानें, चखना प्वाइंट, चाय और नाश्ते की ठेलियां लगातार बढ़ती जा रही हैं। कुछ लोगों ने स्थायी निर्माण की तैयारी भी शुरू कर दी है। हालात ऐसे हैं कि रोजाना कोई न कोई नई दुकान या झोपदी बन रही है।
साठगांठ के आधार पर कुछ लोग जमीन का दावा कर रहे हैं, जबकि यह जमीन सरकारी रिकॉर्ड में स्पष्ट रूप से राजस्व या निगम की संपत्ति दर्ज है। बावजूद इसके, प्रशासनिक स्तर पर अब तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं की गई है।
लगातार अवैध निर्माणों के बावजूद किसी भी विभाग की ओर से न तो नोटिस जारी किया गया है, न तो कब्जे हटाने की कार्रवाई हुई है। यही कारण है कि अतिक्रमणकारियों का मनोबल और भी बढ़ गया है। यदि स्थिति पर जल्द नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले समय में यह पूरा क्षेत्र अवैध बस्तियों और दुकानों में तब्दील हो सकता है।



















