
जांजगीर-चांपा। जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में प्रभारी सिविल सर्जन और डॉक्टरों व स्टाफ के बीच चल रहा विवाद कहीं थमने का नाम नहीं ले रहा है। खास बात यह है कि डॉक्टरों व स्टाफ की शिकायत पर जिला प्रशासन ने कमेटी बनाकर जांच के आदेश दिए थे, लेकिन मामले को 40 दिन बीत गए और कार्रवाई आज तक नजर नहीं आई।
ऐसे में बीते दिनों ओपीडी बहिष्कार व जिला स्तर पर अस्पतालों में कामकाज ठप करने के बाद डॉक्टर व स्वास्थ्य कर्मचारी संघ प्रदेश स्तरीय आंदोलन के लिए लामबंद हो रहे है। बताया जाता है कि इसको लेकर संभाग मुख्यालय बिलासपुर में प्रतिनिधि मंडल की बैठक रखी गई है, जहां प्रदेश स्तरीय आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
गौरतलब है कि ठाकुर छेदीलाल शासकीय जिला चिकित्सालय में प्रभारी सिविल सर्जन के खिलाफ डॉक्टरों व नर्स के साथ कर्मचारियों ने मोर्चा खोल रखा है। उन्होंने सिविल सर्जन पर प्रताडऩा व कर्मचारियों से अमर्यादित व्यवहार करने का आरोप लगाया था। इसको लेकर बीते 5 मार्च को डॉक्टर व स्टाफ नर्स के साथ कर्मचारी नारेबाजी करते हुए पैदल ही कलेक्टोरेट पहुंचे थे और जिला प्रशासन को ज्ञापन सौंपकर अपनी शिकायत दर्ज कराई थी।
इधर इस मामले में जिला प्रशासन ने अपर कलेक्टर के नेतृत्व में एक जांच टीम गठित की और जांच के बाद कार्रवाई का आश्वासन दिया, लेकिन मामले में समुचित कार्रवाई आज तक नहीं हो सकी। इधर तय समय सीमा में कार्रवाई नहीं होने से क्षुब्ध डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने चरणबद्ध आंदोलन की शुरुआत की। इसके तहत ओपीडी बहिष्कार व सामूहिक अवकाश लेकर जिला अस्पताल में कामकाज ठप करने के बाद पूरे जिले के अस्पतालों में एक दिन कामकाज ठप किया गया। बावजूद इसके इस दिशा में उचित पहल नहीं हो सकी। ऐसी स्थिति में डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारी संघ ने प्रदेश स्तरीय आंदोलन की रणनीति बनाई है। बताया जाता है कि मंगलवार 15 अप्रैल को जिला अस्पताल के डॉक्टरों व स्टाफ का एक प्रतिनिधि मंडल संभाग मुख्यालय बिलासपुर जाएगा, जहां संगठन के पदाधिकारियों से बैठक करके प्रदेश स्तरीय आंदोलन की रणनीति बनाई जाएगी।
उल्लेखनीय है कि जिला बनने के ढ़ाई दशक बाद यह शायद पहला अवसर है जब डॉक्टरों व स्वास्थ्य कर्मचारियों का प्रभारी अधिकारी के साथ तालमेल नहीं बैठ रहा है और जिले के सबसे बड़े अस्पताल में बीते 40 दिनों से निर्मित विवाद की स्थिति आज तक खत्म नहीं हो सकी है। वहीं जिला से निकलकर प्रदेश स्तरीय आंदोलन की रणनीति बन रही है।
ओपीडी का कर चुके हैं बहिष्कार
जिले के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल में पदस्थ सिविल सर्जन को हटाने की मांग को लेकर डॉक्टर व स्टाफ ने मोर्चा खोल दिया है। इसको लेकर के डॉक्टर ओपीडी का भी बहिष्कार कर चुके है। हाल ही के कुछ दिनों पूर्व जांजगीर-चांपा जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र एवं उपस्वास्थ्य केन्द्र के साथ जिला अस्पताल में पदस्थ करीब 7 सी से अधिक स्टाफ ने सामूहिक अवकाश लेकर आंदोलन पर रहे। उनके आंदोलन से जिला अस्पताल सहित अन्य स्वास्थ्य केन्द्र में उपचार के लिए मरीज मटकते रहे। वहीं इसके चलते एक्सरे, सोनोग्राफी, पैथोलैब सहित अन्य व्यवस्था पूरी तरह प्रभावित रही। मंगलवार 15 अप्रैल को जिले के डॉक्टर बिलासपुर बैठक में शामिल होकर आगे की रणनीति तय करेंगे।