रायपुर। ईडी ने छत्तीसगढ़ सरकार के अधिकारियों और राजनीतिक कार्यपालकों के साथ मिलीभगत करके डीएमएफ ठेकेदारों द्वारा सरकारी खजाने के पैसे की हेराफेरी का आरोप लगया है. इनके खिलाफ आईपीसी, 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस की ओर से दर्ज 3 अलग-अलग एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की है.

प्रवर्तन निदेशालय ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल फंड ( डीएमएफ) स्कैम मामले में सस्पेंडेड आईएएल अधिकारी रानू साहू और एक महिला प्रशासनिक अफसर माया वारियर को गिरफ्तार किया. गिरफ्तारी के बाद कोर्ट ने दोनों को पांच दिनों की ईडी रिमांड का आदेश दिया है. यह घोटाला करीब 100 करोड़ रुपए का है. रानू साहू रायपुर जेल में पिछले एक साल से बंद हैं. वहीं महिला अफसर को पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया. माया वारियर और रानू साहू को ईडी ने क्रमशः 15 अक्टूबर और 17 अक्टूबर को गिरफ्तार किया है. दोनों छत्तीसगढ़ के जिला खनिज निधि (डीएमएफ) घोटाले में मुख्य आरोपी हैं.

ईडी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इन दोनों आरोपियों को क्रमशः 16 अक्टूबर और 17 अक्टूबर को विशेष न्यायालय (पीएमएलए), रायपुर के समक्ष पेश किया गया. न्यायालय ने उन्हें 22 अक्टूबर तक ईडी की रिमांड में दे दिया है.