
भागलपुर। भागलपुर जिले में कार्यरत नेशनल हेल्थ मिशन के संविदा कर्मी इन दिनों भुखमरी की कगार पर पहुंच गए हैं। पिछले तीन महीनों से इन्हें वेतन नहीं मिला है, जिसके कारण दुकानदारों ने उधार देना बंद कर दिया है और बच्चों की शिक्षा भी प्रभावित हो रही है। इन कर्मियों को भुगतान के लिए नई प्रक्रिया का पालन करना है, लेकिन प्रशिक्षण के बावजूद वेतन का भुगतान नहीं हो रहा है। कर्मचारियों का कहना है कि तीसरा महीना गुजरने वाला है, लेकिन वेतन के लिए कोई पहल नहीं की गई है। इस स्थिति में भोजन की व्यवस्था करना भी मुश्किल हो गया है। घर में बीमार होने पर दवा खरीदने के लिए पैसे नहीं हैं। इधर, अस्पताल में प्रसव के बाद प्रसूता का भुगतान मार्च 2025 से बकाया है, जिससे महिलाएं और उनके परिजन अस्पताल में हंगामा कर रहे हैं। टीकाकरण में सहयोग करने वाले कोरियर वर्कर्स का भुगतान भी लंबित है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत गाड़ी का भुगतान नहीं हुआ है।कुष्ट रोग संबंधी कार्यक्रम में लगे कर्मियों का भी भुगतान रुका हुआ है।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के तहत गर्भवती महिलाओं को नाश्ते के लिए दिए जाने वाले व्यय का भुगतान भी नहीं किया गया है।इसके अलावा, बिजली, पानी और अस्पताल के रखरखाव के खर्च का भी भुगतान नहीं हुआ है। ओपीडी में पंजीकरण के लिए इंटरनेट की आवश्यकता होती है, लेकिन नेट भराने में भी परेशानी हो रही है।


















