नई दिल्ली: प्रयागराज के अरैल गांव के नाविक पिंटू महरा ने महाकुंभ के दौरान 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये कमाए। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने विधानसभा में इस बात का जिक्र किया था।
अब आयकर विभाग ने उन्हें 12.8 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस भेजा है। यह मामला वन-टाइम हाई इनकम और उस पर लगने वाले टैक्स को लेकर कई सवाल खड़े करता है।
यह नोटिस आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 4 और 68 के तहत भेजा गया. इस घटना ने अनियोजित आय पर टैक्स के मुद्दे पर बहस छेड़ दी है। दरअसल, पिंटू ने खुलासा किया था कि उन्होंने और उनके परिवार ने महाकुंभ के दौरान नावों के बेड़े के संचालन के जरिये केवल 45 दिनों में 30 करोड़ रुपये की कमाई की। फाइनेंशियल प्‍लानर और सेबी रजिस्‍टर्ड रिसर्च एनालिस्‍ट एके मंधन ने बताया कि प्रयागराज का एक नाविक, जिसने अपना पूरा जीवन नाव चलाने और मुश्किल से 500 रुपये प्रतिदिन कमाने में बिताया, अचानक उसे महाकुंभ मेले के दौरान 30 करोड़ रुपये की कमाई हुई। तीर्थयात्रियों की भारी भीड़ ने अप्रत्याशित मांग पैदा कर दी और नाविक ने अपनी नाव का किराया 100 रुपये से बढ़ाकर 1,000 रुपये प्रति सवारी कर दिया। कुछ ही महीनों में उसकी कुल कमाई 30 करोड़ रुपये तक पहुंच गई, जिसकी उसने अपने जीवन में कभी कल्पना भी नहीं की थी, लेकिन आगे जो हुआ वह चौंकाने वाला था!
आयकर विभाग ने उसे आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 4 और 68 के तहत 12.8 करोड़ रुपये का टैक्स नोटिस जारी किया। एक आदमी जो टैक्स स्लैब या रिटर्न दाखिल करने के बारे में कभी नहीं जानता था, अब एक व्यवसायी की तरह भारी टैक्स बिल के साथ फंस गया। उसकी किस्मत रातों-रात एक वित्तीय दुःस्वप्न में बदल गई। कल्पना कीजिए कि एक व्यक्ति जो कभी महीने में 15,000 रुपये कमाने के लिए संघर्ष करता था, अब उसे एक साल के भीतर 12.8 करोड़ रुपये का टैक्स चुकाना होगा। उसके लिए इतना बड़ा पैसा कमाना पहले से ही एक झटका था और अब इसका एक बड़ा हिस्सा टैक्स के रूप में खोना और भी दर्दनाक है।’