
नई दिल्ली 26 अक्टूबर। एक अभूतपूर्व घटना के तहत देश के मौद्रिक प्राधिकरण रिजर्व बैंक और देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट बैंक के अर्थशास्त्री सार्वजनिक रूप से भिड़ गए। यह भिड़ंत आर्थिक रिसर्च की एक रिपोर्ट में नकल के मुद्दे पर हुई। हैरानी की बात ये है कि ये आरोप-प्रत्यारोप सार्वजनिक तौर पर सोशल मीडिया मंच लिंक्डइन पर लगाए गए। इस मामले ने देश के दो प्रमुख आर्थिक संस्थानों को थोड़ा असहज कर दिया है। दरअसल रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति विभाग के असिस्टेंट जनरल मैनेजर सार्थक गुलाटी ने लिंक्डइन पर साझा एक पोस्ट में आरोप लगाया कि स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की रिसर्च टीम ने एसबीआई की श्वष्श2ह्म्ड्डश्च पब्लिकेशन रिपोर्ट के लिए केंद्रीय बैंक की मौद्रिक नीति रिपोर्ट (एमपीआर) के हालिया संस्करण से बिना पूछे डेटा चोरी करने का आरोप लगाया। सार्थक गुलाटी ने सोशल मीडिया पर साझा पोस्ट में लिखा, वित्तीय और आर्थिक पेशेवर होने के नाते हम मौलिकता पर निर्भर होते हैं, लेकिन ये बेहद चिंताजनक है कि स्टेट बैंक की हालिया श्वष्श2ह्म्ड्डश्च रिपोर्ट का डेटा रिजर्व बैंक की मौद्रिक नीति रिपोर्ट से जैसा का तैसा नकल कर लिया गया और इसकी इजाजत भी नहीं ली गई।





























